नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बीजेपी पर धोखाधड़ी का इल्जाम लगाते हुए कहा है कि झूठ और धोखाधड़ी भाजपा की राजनीति के मुख्य हथियार बन गए हैं। सच पर पर्दा डालने और जनता को बहकाने के लिए नए-नए प्रपंच रचने में उसका दूसरा सानी नहीं है। उन्होंने किसानों के और देश में हो रहे बलात्कारों के संबंध में कहा कि, किसान बेहाल है, भाजपा सरकार उसको भ्रमित करने के लिए पूरा जोर लगाए हुए है जबकि प्रदेश ही नहीं देश भर में कृषि विधेयक को लेकर व्यापक जनाक्रोश है। महिलाओं और बच्चियों के लिए तो उत्तर प्रदेश असुरक्षित जंगल हो गया है। आए दिन अपहरण, बलात्कार की घटनाओं से बेटियों के परिवार वाले भी दहशत में हैं। भाजपा नेतृत्व और मुख्यमंत्री जी प्रदेश की बढ़ती बदनामी से बेखब़र अपने मुंह से अपनी प्रशंसा करने में ही मगन है। जनता यह सब कितने दिन बर्दाश्त करेगी?
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि, किसान पर भाजपा सरकार की चैतरफा मार पड़ रही है। एक ओर कृशि विधेयक लाकर उसको अपनी खेती से विस्थापित करने की साजिश है तो दूसरी तरफ धान खरीद का भी थोथा सरकारी प्रचार होने लगा है। किसान को न्यूनतम समर्थन मूल्य तो मिलने से रहा, सरकारी खरीद एजेंसियां ही किसान को लौटा रही है। उन्होंने कहा कि, आजमगढ़ में धान खरीद का शासनादेश न होने से किसान परेशान तो झांसी में सरकारी एजेंसियों ने धान खरीद से ही इंकार कर दिया है। बागपत में मंडियों में किसान को वाजिब दाम नहीं मिल रहा है, उसे लूटा जा रहा है।
इसके आगे अखिलेश यादव ने कहा कि, उत्तर प्रदेश में महिला सुरक्षा की जिम्मेदार पुलिस खुद महिलाओं के प्रति अत्याचार का दूसरा नाम बन गई है। गोरखपुर तो मुख्यमंत्री जी का गृह जनपद है वहां भी बेटियां-बहनें सुरक्षित नहीं। गगहा में छेड़खानी से पीड़ित युवती ने खुदकुशी की तो कैण्ट स्थित अस्पताल में मृत महिला के कान से टाप्स खींचने की घटना हुई। हमीरपुर के पुलिस थाने में महिला की पिटाई की गई। इससे ज्यादा शर्मनाक और क्या होगा?
उन्होंने कहा कि, सच तो यह है कि, UP में भाजपा सरकार जाति-धर्म के आधार पर निर्णय लेती है। उसकी रूचि नफरत फैलाने में है। भाजपा की राज्य सरकार ने 1090 और यूपी डायल-100 सेवाओं को बर्बाद कर दिया है। समाजवादी सरकार ने इन सेवाओं की शुरूआत की थी ताकि महिलाओं के खिलाफ अपराध की घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण हो और पुलिस कम से कम समय में घटनास्थल पर पहुंच सके। इसके लिए उसे नए वाहन दिए गए, अत्याधुनिक उपकरण मुहैया कराए गए। घायलों को बिना देर किए अस्पताल पहुंचाने के लिए 108 एम्बूलेंस सेवा भी शुरू की गई।