नीतिगत रूप से हम सब समान है यही समान नागरिक संहिता विषय पर प्रीतमलाल दुआ सभागृह में व्याख्यान आयोजित

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इंदौर। दामिनी इनसाइट द्वारा समान नागरिक संहिता और हम विषय पर व्याख्यान आयोजित किया गया। प्रीतमलाल दुआ सभागृह में आयोजित कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने बताया कि समान नागरिक संहिता का उद्देश्य सबके लिए एक नहीं बल्कि समान नागरिक संहिता उपलब्ध कराना है। यह किसी धर्म या पंथ के विरुद्ध नहीं है और ना ही किसी एक के पक्ष में है। मुख्य वक्ता डॅा.मिलिंद दांडेकर ने कहा कि कानून का परिणाम सामाजिक होता है। संपूर्ण समाज के हित के अनुसार उसमें क्या होना चाहिए यह जरूरी है। भारत में न्याय व्यवस्था कोई नई बात नहीं है। अंग्रेज आए उन्होंने यहां अदालतों को स्थापित किया है। भारत में अंग्रेजों के पहले ही अपना एक पुराना न्यायशास्त्र है।इसका जिक्र इतिहास में हमें मिलता है। उन्होंने कहा कि 1835 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने लॅा कमीशन बनाया था। समान नागरिक संहिता को पहले हमें समझना होगा और जानना होगा। यह संहिता राष्ट्रीय सामंजस्य और समानता का मार्ग प्रशस्त करेगी।

पूर्व न्यायधीश सुचित्रा दुबे ने कहा कि हमारे देश में ब्रिटिश लोगों को इस देश से पैसा लेना था। उन्होंने जमीन पर ज्यादा फोकस किया है। सिविल राइट्स पर ज्यादा ध्यान दिया है। 1857 में महान क्रांति हुई ब्रिटिश को यह बात समझ आई। 1858 में डिवाइड एंड रुल इसकी नींव रखा गई क्योंकि इन लोगों को जमीन और पैसे से मतलब था। उस समय में पर्सनल लॅा से मतलब नहीं था। आज समय के साथ कानून में कई बदलाव हो रहे है। समान नागरिक संहिता का उद्देश्य सबके लिए एक नहीं बल्कि समान अधिकार उपलब्ध कराना है।

डॅा.प्रियंका मोक्षमार ने कहा कि आधुनिक काल में शिक्षा,चिकित्सा सभी क्षेत्रों में बदलाव की बयार है। यह समान नागरिक संहिता देश में राष्ट्रीय सामंजस्य स्थापित करेगी। डॅा.माला सिंह ठाकुर ने कहा कि अब देश में हर दिन इनोवेशन हो रहे आज वक्त के साथ हर चीज बदल रही है। उसी तरह वर्तमान प्रांसगिकता के अनुसार कानून भी बदल रहे है। समान नागरिक संहिता समाज के सभी वर्गों के समान रूप से विकसित हो इसके लिए कार्य करेगी। इसका किसी भी धर्म या पंथ में कोई भी परिवर्तन करना इसका उद्देश्य नहीं है। नीतिगत रूप से हम सब समान है यही समान नागरिक संहिता का असली उद्देश्य है। कार्यक्रम में डॅा.इरशद खानम और डॅा.रुचि मसीह ने भी समान नागरिक संहिता के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आगे आने वाली पीढ़ी इस समान नागरिक संहिता के बारे में जाने और समझे भी। कार्यक्रम में डॅा.दीप्ति सिंह हाडा,नेहा शर्मा,सौम्या,मूमल सिसोदिया उपस्थित थे। आभार भूमिका दीदी ने माना।