इंदौर : पंचकुइया स्थित वीर बगीची में बुधवार का दिन अलीजा सरकार के भक्तों के लिए स्वर्णिम दिन रहा। श्री श्री 1008 श्री बाल ब्रह्मचारी श्री प्रभुवानंदजी सद्गुरु महाराज के सप्तम पुण्य स्मरण पर वीर अलीजा हनुमान मंदिर के मुख्य द्वार का अनावरण किया गया। साधु संतों के सानिध्य व विद्वान पंडितों के निर्देशन में वैदिक मन्त्रोंउच्चार के बीच गादीपति बाल ब्रह्मचारी पवनानंदजी महाराज ने मुख्य द्वार का अनावरण किया। जिसके साक्षी उपस्थित बटुक, मुख्य अतिथि व जनसमुदाय बना। इस अवसर पर रंगारंग आतिशबाजी भी की गई एवं भक्तों ने जय श्रीराम के उद्घोष से पूरे क्षेत्र को गुंजायमान बनाए रखा।
वीर अलीजा भक्त मंडल ने बताया कि तीन दिवसीय महोत्सव के अंतिम दिन वृंदावन के प्रेम मंदिर की प्रतिकृति में तैयार किए गए वीर अलीजा हनुमान मंदिर के मुख्य द्वार के अनावरण महोत्सव की शुरूआत साधु-संतों व मुख्य अतिथियों ने दीप प्रज्जवलन के साथ की। इसके पश्चात स्वागत भाषण महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने दिया। मंच पर उपस्थित साधु-संतों का केशरिया दुपट्टा पहनाकर स्वागत गादीपति पवनानंनदजी महाराज ने किया। मुख्य द्वार अनावरण अवसर पर महंत श्री सम्पूर्णानंदजी ब्रह्मचारी, पूज्य गुरूदेव डॉ. स्वामी दिव्यानंदजी महाराज, विचित्रानंदजी महाराज, सांसद शंकर लालवानी, विधायक रमेश मैंदोला, सुदर्शन गुप्ता, महापौर पुष्यमित्र भार्गव सहित हजारों की संख्या में भक्त उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन पं. दीनेश शर्मा ने किया एवं आभार ललित त्रिवेदी ने माना।
भक्तों को कलियुग में सतयुग के दर्शन हुए
मुख्य द्वार अनावरण अवसर पर शम्भूपंच अग्नि अखाड़ा सचिव महंत श्री सम्पूर्णानंदजी ब्रह्मचारी ने अपने आशीर्वचन में कहा कि अयोध्या में श्रीराम लला विराजमान हुए हैं। यह एक युग की शुरूआत हुई है। इस युग को युगों-युगों तक याद किया जाएगा। देश में 22 जनवरी की तारीख स्वर्णिम अक्षरों में इतिहास के पन्नों पर दर्ज हो गई है और हम सभी का सौभाग्य हैं कि हम अयोध्या में विराजित राम लला के मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के साक्षी बन पाए। आज बुधवार का दिन भी वीर अलीजा हनुमान मंदिर और इन्दौर के भक्तों के लिए अलीजा हनुमान मंदिर का यह मुख्य द्वार अनावरण यादगर पल बनेगा। हजारों की तादाद में उपस्थित भक्त इसके साक्षी बने हैं। उन्होंने कहा कि जो भक्त हनुमान की शरण में आ जाता हैं उसे सारे देवताओं का आशीर्वाद अपने आप प्राप्त हो जाता है। वहीं हरिद्वार से पधारे डॉ. स्वामी दिव्यानंद जी ने कहा कि मंदिर किसी भवन का नाम नहीं होता है। मंदिर हम जहां बैठे हैं वहीं बन जाएगा बस हमें उस वातावरण को सुंदर व पवित्र बनाने की आवश्यकता है। गादीपति पवनानंदजी महाराज ने कहा कि 400 वर्ष पुरानी वीर बगीची के इतिहास में यह स्वर्णिम वर्ष है जिसमें सद्गुरू प्रभुवानन्दजी महाराज का स्वप्न साकार हुआ है। मुख्य द्वार के अनावरण होने से वीर बगीची की सुंदरता अपनी अलग ही छटा बिखेरेगी।
आतिशबाजी के बीच हुआ द्वार का लोकार्पण
वीर अलीजा भक्त मंडल ने बताया कि द्वार अनावरण के साक्षी बनने के लिए हजारों भक्तों का जमावड़ा शाम 5 बजे से लगना प्रारंभ हो गया था। शाम 4.30 बजे अलीजा सरकार की महाआरती के पश्चात द्वार का लोकार्पण मुख्य अतिथि व साधु-संतों द्वारा किया गया। द्वार अनावरण पर आकर्षक रंगारंग आतिशबाजी के साथ ही हजारों भक्तों ने अलीजा सरकार के जयकारों से समूचे क्षेत्र को श्रीराम मय बना दिया।
डेढ़ वर्ष का समय लगा मुख्य द्वार बनने में
गादीपति बाल ब्रह्मचारी पवनानंदजी महाराज ने बताया कि मुख्य द्वार के निर्माण में डेढ़ वर्ष का समय लगा है। जयपुर और उड़ीसा के कारिगरों ने मकराना मार्बल (संगमरमर) पर आकर्षक नक्काशी कर इसे मूर्तरूप दिया है। 50 फीट के इस भव्य द्वार की छटा अब बाहर से ही देखते बनती है। सबसे बड़ा द्वार 20 फीट का बनाया गया है तो वहीं आसपास 10-10 फीट के छोटे द्वार बनाए गए हैं। वीर अलीजा हनुमान मंदिर के मुख्य द्वार की खास बात यह है कि यहां आने वाले भक्तों को वृंदावन में बने प्रेम मंदिर का द्वार वीर बगीची में दिखाई देगा। वृंदावन प्रेम मंदिर द्वार के समान ही यहां के द्वार का निर्माण कराया गया है।
श्रीराम मंदिर की प्रतिकृति ने भक्तों का मोहा मन
बुधवार को वीर अलीजा सरकार के दर्शनों के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ी। मंदिर परिसर में अयोध्या की तर्ज पर बनाई गई श्रीराम मंदिर की प्रतिकृति ने सभी भक्तों का मन मोह लिया। थर्माकोल शीट से तैयार की गई मंदिर की प्रतिकृति हुबहु अयोध्या श्रीराम मंदिर जैसी बनाई गई थी जिसमें वीर अलीजा सरकार गर्भगृह से सभी भक्तों को दर्शन दे रहे थे।