आबिद कामदार। इंदौर शहर के स्वाद का परवान हर किसी की जबान पर यहां आने के बाद चढ़ता है, खाने पीने में कई व्यंजनों की फेहरिस्त यहां खत्म नहीं होती है, वहीं बात अगर इन चटपटे पकवानों की करी जाए तो जितने स्वादिष्ट यह व्यंजन है, उससे मनमोहक इनका इतिहास और किस्से है। पोहे और सेव के साथ साथ शहर में कचौरी के भी कई दीवाने है, यहां कई प्रकार की कचोरिया है, वहीं 53 साल पुरानी लाल बाल्टी कचौरी भी काफी मशहूर है।
बिजली नहीं थी तो इंडिकेशन के लिए लगाई लाल बाल्टी
53 साल पहले शहर के रघुनाथ लक्ष्मण रानाडे ने लाल बाल्टी कचोरी की दुकान रामबाग पर लगाई। लाल बाल्टी कचोरी उस जमाने में दुकान संचालक ने एक इंडिकेशन के रूप में तैयार किया था। उनके पोते बताते है कि उस जमाने में बिजली नहीं हुआ करती थी। लोगों का ध्यान आकर्षित करने के मकसद से लाल रंग की बाल्टी में लैंप लगाकर उसे लटका दिया जाता था, ताकि लोगों को अपनी पसंदीदा दुकान को ढूंढने में टाइम ना लगे। बाद में इसमें बल्ब लगाया गया। वहीं जब तक लैंप चालू है तब तक कचौरी है,अगर लैंप बंद है तो कचौरी भी खतम।
आज भी लगाते है लाल बाल्टी, बन गया ट्रेड मार्क
शुरुआत में जब रामबाग पर लाल बाल्टी लगाई, यह काफी प्रचलित हुई, इसके बाद दूसरी अन्य दो दुकान राजेंद्र नगर और सिलिकॉन सिटी पर भी लाल बाल्टी लगाई गई। कई लोग आते है और लाल बाल्टी कचौरी पर आलू की कचौरी का स्वाद लेते है। अब यह दुकान का ट्रेडमार्क बन गया है।लाल बाल्टी आनंद वाले की कचोरी से भी कई लोग जानते है।
53 साल से है लाल बाल्टी कचोरी स्वाद है बरकरार
लहसुन प्याज और हरी मिर्ची की स्वादिष्ट चटनी के साथ आलू की यह कचोरी परोसी जाती है, दुकान संचालक बताते है कि शहर में तीनों दुकानों पर स्वाद बरकरार रखने के लिए बड़ी ध्यान से इसका मिश्रण तैयार किया जाता है। रोजाना लगभग 1500 से ज्यादा कचोरियां तीनों दुकानों पर बेची जाती है। कई लोग बाहर से आकर बंधवा कर भी ले जाते है।
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शहर में इन जगहों पर बिकती है यह स्पेशल कचौरी
खान पान के शौकीन इस शहर में अन्य जगह भी स्वादिष्ट कचौरिया बनाई जाति है जिसमें आनंद की कचौरी, सुरेश की कचौरी, बम कचौरी, विजय चाट कचौरी शामिल है।