लाल बहादुर शास्त्री: आज भी जीवित है ‘जय जवान, जय किसान’ का मूलमंत्र

RishabhNamdev
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लाल बहादुर शास्त्री का परिचय: लाल बहादुर शास्त्री, जिनका जन्म 2 अक्टूबर 1904 को हुआ था, एक महत्वपूर्ण भारतीय नेता और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। वह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेताओं में से एक थे और पहले प्रधानमंत्री बने थे।

लाल बहादुर शास्त्री के जीवन का प्रारंभ: लाल बहादुर शास्त्री का जन्म मुगलसराय, उत्तर प्रदेश में हुआ था। उनके पिता का नाम शरदा प्रसाद था, और वे एक गरीब जुते मिल थे। लाल बहादुर शास्त्री का शिक्षा जीवन भी कठिनाइयों से भरपूर था, लेकिन उनकी मेहनत और आत्मसमर्पण ने उन्हें आगे बढ़ने में मदद की।

स्वतंत्रता संग्राम में भागीदारी:
लाल बहादुर शास्त्री ने छत्रपति शिवाजी महाराज के जन्म शताब्दी वर्ष में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया। उन्होंने महात्मा गांधी के नेतृत्व में सत्याग्रह और आंदोलनों में भाग लिया और ब्रिटिश साशन के खिलाफ लड़ा।

प्रधानमंत्री बनना:
लाल बहादुर शास्त्री ने 1964 में प्रधानमंत्री के रूप में भारतीय सरकार का काम संभाला। उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद, भारत-पाकिस्तान युद्ध के समय वे एक महान नेता के रूप में उभरे, और तब ही की तरह जवानों की जीवन की सुरक्षा के लिए कठिन निर्णय लिए।

“जय जवान, जय किसान” का मूलमंत्र:
लाल बहादुर शास्त्री ने भारतीय किसानों के हित के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए, और उन्होंने “जय जवान, जय किसान” का मूलमंत्र दिया। उन्होंने खादी कपड़ा पहनने का प्रसार किया और खादी बनाम जारी किए तो आपको उधारणा बहुत ही सहयोगी साबित हुआ।

पुन: संघटना और मृत्यु:
लाल बहादुर शास्त्री का प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने भारतीय सरकार को औपचारिक रूप से सारकनीय बनाने का काम किया। उन्होंने विश्व सांघटना के माध्यम से भारतीयों को एक महत्वपूर्ण स्थिति दिलाई और भारतीय संघ की स्थापना की। लेकिन उनकी छुट्टी के दौरान तबीयत खराब हो गई और उनकी मृत्यु 11 जनवरी 1966 को तशकंद, उजबेकिस्तान में हुई।

लाल बहादुर शास्त्री एक ऐसे महान भारतीय नेता थे जिन्होंने अपने संघर्षों और कठिनाइयों के बावजूद भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के लिए अपना जीवन समर्पित किया। उनकी जन्म जयंती पर हमें उनके महान योगदान को याद करने और उनके आदर्शों का पालन करने का समय है।