यदि आप राजवाड़ा से कृष्णपुरा की ओर जाएं तो आपको गणेश कैप मार्ट नामक एक दुकान दिखाई देगी जिसमें दिनभर ग्राहकों का मेला लगा रहता है बिल्डिंग के बाहर के हिस्से में ट्राफिक की मारामारी दिखाई देती है एक एक गाड़ी लगाने के लिए लोगों को भारी मशक्कत करना पड़ती है और पूरी गली जाम हो जाती है । अब यदि आप कुछ खरीदारी करने के लिए गणेश केप मार्ट की बिल्डिंग में प्रवेश करें तो पता चलता है कि हर मंजिल पर अलग तरह की वस्तुएं बिकती है याने रेडीमेड के कपड़े और अन्य वस्तुएं अलग-अलग मंजिलों पर बेची जाती है और बड़ी संख्या में कर्मचारी काम करते हैं लेकिन इस संस्थान में श्रम कानून की बुरी तरह से धज्जियां उड़ती है श्रम कानून का अर्थ है 20 से अधिक कर्मचारी होने पर प्रोविडेंट फंड तथा अन्य सुविधाएं कर्मचारियों को उपलब्ध कराना, कर्मचारी राज्य बीमा योजना का लाभ दिलाना, काम के घंटे तय करना इसके अलावा दीपावली पर बोनस और दुर्घटना आदि होने पर कर्मचारियों का उचित बीमा ।
लेकिन इन सब कानूनों कहां पर पालन नहीं होता । नाम नहीं बताने की शर्त पर एक कर्मचारी ने कहा कि यहां पर किसी प्रकार का कोई श्रम कानून लागू नहीं किया जाता श्रम विभाग से सेटिंग करके सारे मामले रफा-दफा कर दिए जाते हैं कर्मचारी ने यह भी कहा कि श्रम कानून की अवहेलना होने पर यदि कोई कर्मचारी शिकायत श्रम विभाग में करता भी है तो उसकी सूचना तुरंत गणेश कैप मार्ट के मालिकों के पास आ जाती है और फिर उस कर्मचारी की विदाई हो जाती है इस तरह से कोई भी कर्मचारी यह हिम्मत नहीं करता कि वह श्रम विभाग में शिकायत करे । वैसे भी इन दिनों इंदौर का श्रम विभाग आगे रहकर किसी भी संस्थान की जांच नहीं करता वहां के अधिकारी इस बात का इंतजार करते हैं कि कोई शिकायत उनके पास आए और फिर वे कार्रवाई करें लेकिन कार्रवाई के नाम पर भी सिर्फ खानापूर्ति की जाती है ।