Krishna Janmashtami 2021: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की धार्मिक नगरी उज्जैन में हर त्योहार का अलग ही आनंद और महत्व है। बता दे, महाकाल की इस नगरी में जन्माष्टमी की धूम मची हुई है। बताया जा रहा है कि कृष्ण जन्मोत्सव की पूर्व संध्या पर भारत माता मंदिर के सामने यहां 200 से ज्यादा बच्चों ने एक लय एक ताल में कई धुनों पर बांसुरी बजाई है। जानकारी के मुताबिक, ये 200 बच्चे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सदस्य हैं। इस कार्यक्रम के लिए इन सभी बच्चों को 3 महीने तक का प्रशिक्षण दिया गया था।
दरअसल, आरएसएस हर साल जन्माष्टमी पर कार्यक्रम आयोजित करता है। ऐसे में इस साल भी नए अंदाज में कार्यक्रम किया। इस कार्यक्रम में आरएसएस के क्षेत्रीय संघचालक अशोक सोहनी मुख्य रूप से शामिल हुए। इसको लेकर कार्यक्रम के मुख्य वक्ता अभा सह शारीरिक शिक्षण प्रमुख जगदीश प्रसाद कहा कि बंसी और शंख श्रीकृष्णा को प्रिय हैं और वे इन्हें बजाते भी हैं। बांसुरी अपने आप में सम्पूर्ण समर्पण का संदेश देती।
इसके आगे प्रसाद ने कहा बांसुरी का संदेश है- भगवान जैसा बजाते है वैसा मैं बजती हूं। बंसी हमें प्रेम का संदेश देती है। कृष्ण जब तक गोकुल में रहे उन्होंने बांसुरी बजाई। लेकिन जैसे ही कर्म क्षेत्र में आए तो महाभारत के समय पांचजन्य शंख बजाया। बता दे, आगे प्रसाद ने कहा कि जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर हम सभी संकल्प लें कि समाज में व्याप्त हर प्रकार की असमानता को खत्म करें, सब एक दिशा में एक साथ देश को आगे बढ़ाएंगे। कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण का केंद्र प्रसिद्ध भजन ‘छोटी-छोटी गैया, छोटे-छोटे ग्वाल’ और ‘ॐ नमः शिवाय’ थे। इस कार्यक्रम में कोरोना के नियमों का पालन किया गया।