जानें क्यों अहम् है शुवेंदु अधिकारी का नंदीग्राम सीट जीतना और ममता दीदी का हारना

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पश्चिम बंगाल की सत्‍ता हासिल कर नील बाड़ी से सरकार चलाना भले ही बीजेपी के लिए आम बात हो लेकिन शुवेंदु अधिकारी के लिए बिल्कुल नहीं है। क्योंकि वह इस समय ममता दीदी को बड़ी टक्कर दे रहे हैं। दरअसल, पहले इन दोनों ने ही 15 साल पहले एक साथ प्रचार किया था। दोनों नंदीग्राम में प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार रहे हैं। ऐसे में अब दोनों के सामने कई चुनौतियां हैं।

टीएमसी में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे पूर्व मंत्री शुवेंदु के लिए यह लड़ाई बहुत व्यक्तिगत भी है। बताया जा रहा है कि बीजेपी के टिकट पर नंदीग्राम में तृणमूल के पूर्व विधायक की जीत एक चुनौती है। लेकिन अगर बीजेपी नंदीग्राम में समग्र जीत हासिल नहीं कर पाती है, तो निश्चित ही शुवेंदु अपनी पुरानी पार्टी को राजनीतिक जवाब नहीं दे पाएंगे। एक यही वजह है कि बंगाल में आज सबकी निगाहें नंदीग्राम सीट पर टिकी हुई हैं।

जानकारी के अनुसार, 19 दिसंबर को मिदनापुर में अमित शाह के हाथ से पद्म ध्वज लेने के बाद भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने उन पर भरोसा करना शुरू कर दिया था। इस दिन ही अमित शाह कोलकाता और न्यूटाउन के होटलों में वोटिंग योजना को लेकर संगठनात्मक बैठक में शामिल हुए थे। बता दे, चाहे वह कोलकाता हो या दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्रिगेड रैली की तैयारी हो या जेपी नड्डा के निवास पर महत्‍वूपर्ण चर्चा, उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप देने के लिए शुवेंदु को भी महत्वपूर्ण स्थान मिला है।