जानिए होली से पहले क्यों किया जाता है होलिका दहन? जानें पौराणिक कथा और विधि

Deepak Meena
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Holika Dahan 2024 : होलिका दहन, जिसे छोटी होली भी कहा जाता है, होली त्योहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह फाल्गुन पूर्णिमा को मनाया जाता है, जो होली से एक दिन पहले होता है। होलिका दहन का धार्मिक महत्व है। यह बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। यह हिरण्यकश्यप और प्रह्लाद की कहानी से जुड़ा हुआ है।

पौराणिक कथा:

हिरण्यकश्यप एक अत्याचारी राजा था जो चाहता था कि सभी लोग उसकी पूजा करें।
उसका पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु का भक्त था।
हिरण्यकश्यप ने प्रह्लाद को कई बार मारने की कोशिश की, लेकिन हर बार भगवान विष्णु ने उसकी रक्षा की।
अंत में, हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका को आग में प्रवेश करने के लिए कहा, जो अग्नि से सुरक्षित थी।
होलिका ने प्रह्लाद को अपनी गोद में लेकर आग में प्रवेश किया।
भगवान विष्णु की कृपा से, प्रह्लाद बच गया, लेकिन होलिका जलकर राख हो गई।

होलिका दहन की विधि:

होलिका दहन के लिए, एक लकड़ी का ढेर तैयार किया जाता है।
ढेर के बीच में एक प्रतिमा रखी जाती है, जो होलिका का प्रतीक होती है।
शाम को, लकड़ी के ढेर को आग लगा दी जाती है।
लोग आग के चारों ओर नृत्य करते हैं और गीत गाते हैं।
यह बुराई पर अच्छाई की विजय का उत्सव है।