जानिए क्या है नई कैबिनेट का ‘विजन’, हर नए चेहरे के पीछे है ख़ास मकसद

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नई दिल्ली: बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में 43 मंत्रियों को जगह मिल चुकी है. पीएम मोदी ने अपने इस मंत्रिमंडल को पुनर्गठित करने के लिए काफी लंबा समय ले लिया. इस मंत्रीलंडल को लेकर ऐसे चेहरों का चुनाव किया गया जो मोदी सरकार को पहले से ज्‍यादा मजबूत कर सकें. बता दें कि पीएम मोदी की यह कोशिश है कि कैबिनेट ऐसी होनी चाहिए जो सरकार के साथ लगातार तालमेल बैठाए रखे.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मोदी कैबिनेट में अश्विनी वैष्‍णव को रेलवे के अलावा आईटी और संचार मंत्रालय का कार्यभार भी सौंपा गया है. वैष्णव ने साल 2008 में व्हार्टन स्कूल, पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय से एमबीए किया. इससे पहले वैष्‍णव ने साल 1994 में आईआईटी कानपुर से इंडस्ट्रियल मैनेजमेंट इंजीनियरिंग में एमटेक किया था. वैष्‍णव जीई ट्रांसपोर्टेशन के प्रबंध निदेशक, लोकोमोटिव के उपाध्यक्ष और सीमेंस में अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर स्ट्रैटेजी के प्रमुख रह चुके हैं. अश्विनी वैष्णव अपने साथ एक आईएएस अधिकारी के रूप में 15 वर्षों से अधिक का समृद्ध प्रशासनिक अनुभव भी लेकर आए हैं. रेलवे पीएम मोदी के लिए एक और प्राथमिकता वाला क्षेत्र है. यात्री सुरक्षा और सुविधा के लिए प्रभावी तकनीकी उपयोग सुनिश्चित करने के लिए वैष्णव को ये जिम्‍मेदारी दी गई है.

सरकारी सूत्रों ने कहा कि स्वास्थ्य और रसायन और उर्वरक मंत्रालय, जो फार्मा से संबंधित है, दोनों को मनसुख मंडाविया को सौंपा गया है. सरकार की कोशिश है कि कोरोना महामारी के दौर में दोनों मंत्रालयों के बीच तालमेल बिठाया जा सके. मंडाविया पहले से ही राज्य मंत्री के रूप में कोविड टीम के साथ जुड़े रहे हैं. उनके इस काम को आसान बनाने के लिए महाराष्ट्र की सांसद भारती प्रवीण पवार को दिया गया है. भारती प्रवीण पवार एक प्रैक्टिसिंग डॉक्टर हैं. सरकारी सूत्रों ने कहा कि कुपोषण और स्वच्छ पेयजल से लड़ने में उनका काफी अच्‍छा अनुभव रहा है.