कल साल का तीसरा चंद्र ग्रहण लगने वाला है। आपको बता दे, इससे पहले 5 जून को ग्रहण लगा था। वहीं 21 जून को सूर्य ग्रहण लगा था। अब 5 जुलाई को फिर से तीसरा ग्रहण लगने जा रहा है। इस ग्रहण के बारे में ज्योतिषों का मनना है कि एक महीने में का आना अशुभ रहता है। खगोल शास्त्रियों के अनुसार, इस बार चंद्र ग्रहण से पहले सूतक काल नहीं लगेगा। यह चंद्र ग्रहण दक्षिण एशिया के कुछ हिस्से, अमेरिका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया में देखा जा सकेगा। वहीं भारत में इस ग्रहण को नहीं देखा जाएगा। क्योंकी ये उपछाया चंद्रग्रहण है। आपको बता दे, इन देशों में उपछाया ग्रहण लगेगा। इस दौरान उत्तर अमेरिका, दक्षिण अमेरिका और अफ्रीका में सामान्य पूर्णिमा की तुलना में चंद्र पूर्ण चंद्रग्रहण ज्यादा गहरा दिखाई देगा।
इस चंद्रग्रहण को पूरे 2 घंटे 45 मिनट तक देखा जा सकेगा। वहीं आपको बता दे, यह उपछाया चंद्र ग्रहण 5 जुलाई 2020 को सुबह 8 बजकर 37 मिनट पर लगेगा. इसके बाद यह 9 बजकर 59 मिनट पर यह अपने चरम प्रभाव में होगा और सुबह 11 बजकर 22 मिनट पर इसका समापन हो जाएगा। लगने वाले चंद्र ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा। लेकिन ज्योतिषों के मानना है कि सूतक काल को शुभ समय नहीं माना जाता है। इस काल के चलते किसी भी प्रकार का धार्मिक कार्य नहीं किया जाता है। ये जो ग्रहण लग रहा है उसे उपछाया ग्रहण कहा जाता है। इस तरह के ग्रहण में सूतक काल मान्य नहीं होता है। वहीं चंद्र ग्रहण का प्रभाव धनु राशि पर लग रहा है। इस राशि पर सबसे ज्यादा प्रभाव देखने को मिलेगा, इन लोगों को सावधान रहने की जरुरत है। पंचांग के अनुसार इस दिन सूर्य मिथुन राशि में होगें और पूर्णिमा तिथि होगी।