बिहार में किशनगंज के टाउन थानाध्यक्ष अश्विनी कुमार की बंगाल में छापेमारी के दौरान भीड़ द्वारा हत्या कर दी गई थी, बेटे अश्विनी का शव देखकर उनकी माँ ने भी सदमे के कारण दम तोड़ दिया है, दरअसल बंगाल के ग्वालपोखर थाना क्षेत्र के पंतापाड़ा गांव में बाइक चोरी मामले में छापेमारी करने गयी किशनगंज पुलिस टीम पर भीड़ ने हमला कर दिया था. जिससे मॉब लिंचिंग में किशनगंज टाउन थानाध्यक्ष अश्विनी कुमार की मौके पर ही मौत हो गई, वे पूर्णिया जिले के बनमनखी प्रखंड के जानकीनगर थाना अंतर्गत पांचू मंडल टोला के रहने वाले थे.
घटना के बाद पुलिस ने पुलिस इंस्पेक्टर पर हमला करने के आरोप में पांतापाड़ा से तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. इसमें मुख्य आरोपी फिरोज आलम, भाई अबुजर आलम व फिरोज आलम की मां शाहीनूर खातून शामिल है.
किशनगंज थाने में पार्थिव शरीर आने और गार्ड ऑफ ऑनर देने के बाद परिजनों में पुलिस के प्रति नाराजगी देखी गई। किशनगंज के टाउन थानाध्यक्ष अश्विनी कुमार की हत्या के बाद गुस्साए परिजनों ने साजिश के तहत थानाध्यक्ष की हत्या का आरोप लगाया था. परिजनों का कहना था कि थानाध्यक्ष के साथ गए पुलिस पदाधिकारी और पुलिस बल अगर वहां मौजूद रहकर एक भी गोली चला देते तो शायद भीड़ के चंगुल से उनके भाई की जान बच जाती इसके बाद बिहार पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है.
मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में सर्किल इंस्पेक्टर मनीष कुमार सहित सात पुलिस कर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है,आईजी के निर्देश पर एसपी ने यह बड़ी कार्रवाई की गई है.