केंद्र सरकार के तीनों काले कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर हो रहे विश्व के सबसे बड़े किसान आंदोलन की आहट अब मध्यप्रदेश में सुनाई देगी। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की पहल पर मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों में गैर राजनीतिक किसान महापंचायत आयोजित की जा रही हैं।
इन किसान महापंचायतों का मूल उद्देश्य मध्यप्रदेश के किसानों को कृषि कानूनों की वास्तविकता बताकर उन्हें जागृत करना है। ये किसान महापंचायत पूरी तरह गैर राजनीतिक होगी। मध्यप्रदेश में किसान महापंचायत के माध्यम से दिल्ली में चल रहे आंदोलन की हकीकत को मध्य प्रदेश के गाँवो तक पहुचाने के लिए किसान महा पंचायत एक संवाद के पुल की तरह कार्य करेगी।
किसान महापंचायत का आगाज़ 4 मार्च को सुबह 11 बजे रतलाम जिले के डेलनपुर से होगा। इसी दिन धार जिले के रातीखेड़ा दिगठान में दोपहर 3 बजे किसान महापंचायत होगी। 4 मार्च को होने वाली इन किसान महापंचायतों में भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी मुख्य वक्ता के रूप में शामिल होंगे।
5 मार्च को उज्जैन जिले के बड़नगर व शाजापुर में किसान महापंचायत होगी जिसमें राजस्थान के किसान नेता रणजीत सिंह ‘राजू’ मुख्य वक्ता के रूप में शामिल होंगे। 6 मार्च को सीहोर जिले के श्यामपुर व भोपाल जिले की बैरसिया तहसील के ग्राम शाहपुर में किसान खाट पंचायत होगी जिसमें महाराष्ट्र के किसान नेता संदीप गिद्दे पाटील मुख्य वक्ता के रूप में शामिल होंगे।
4, 5 व 6 मार्च को आयोजित होने वाली इन किसान महापंचायतों में मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। किसान नेता केदार सिरोही सहित मध्यप्रदेश के अन्य किसान नेता इन किसान महापंचायतों के माध्यम से प्रदेश के किसानों की तरफ से दिल्ली में चल रहे आंदोलन को समर्थन देंगे।