दिल्ली के जंतर-मंतर पर किसान महापंचायत का आयोजन, धारा 144 लागू

Share on:

राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर पर संयुक्त किसान मोर्चा ने किसान महापंचायत करने का फैसला लिया हैं। इसमें देश के अगल-अलग राज्यों के किसान हिस्सा लेंगे। इसके बाद राष्ट्रपति द्रोपति मूर्मू को किसान की हित वाले मांगो का ज्ञापन देगें। हालांकि इस मामले के संबंध में दिल्ली पुलिस से इसकी अनुमति मांगी थी, लेकिन अधिक भीड़ न होे इसलिए इजाजत नहीं दी। इसी को ध्यान में रखते हुए धारा 144 लगा दी गई हैं। बता दे महापंचायत शाम 4 बजे तक चलेंगी, जिसमें कई किसानों के पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही हैं।

डीसीपी के अनुसार, संयुक्त किसान मोर्चा के द्वारा महापंचात का आयोजित जंतर-मंतर पर किया जा रहा है। अलग-अलग राज्यों से अधिक संख्या में किसानों के पहुंचने की उम्मीद है। इसके लिए सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सिंघु बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे पर पुलिसकर्मियों की तैनाती कर दी गई है। इसी के साथ ही सभी इलाकों में धारा 144 लागू कर दी हैं। हालांकि, आयेजन के लिए अनुमति मांगी गई थी लेकिन ज्यादा संख्या में भीड़ नहीं इकठ्ठी हो इसलिए इजाजत नहीं दी गई हैं। रविवार को किसान नेता को हिरासत में ले लिया है और अभी उन्हें दिल्ली के मधु विहार थाने में रखा गया है।

Also Read : MP Weather : मध्य प्रदेश में तेज बारिश के आसार, मौसम विभाग ने इन जिलों में जारी किया रेड अलर्ट

बता दे, किसान महापंचायत सोमवार शाम 4 बजे कर चलनी है। इसके बाद संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले किसान नेताओं की योजना अपनी मांगों को लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ज्ञापन सौंपने की है। इसी के साथ उन्होंने बताया कि सरकार किसी भी तरह का व्यवधान डालने का प्रयास करेगी तो इसके लिए वह खुद जिम्मेदार होगी।

ये मांगो को लेकर राष्ट्रपति को सौंपेगे ज्ञापन

  • लखीमपुरी खीरी कांड में पीड़ित किसानों को इंसाफ मिलें ।
  • केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी की गिरफ्तारी हो।
  • जेलों में बंद किसानों की रिहाई हो।
  • स्वामीनाथन आयोग के C2+50% फॉर्मूले के अनुसार, MSP की गारंटी का कानून बनाया जाए।
  • देश के सभी किसानों को कर्जमुक्त किया जाए।
  • बिजली बिल नियम 2022 रद्द हो।
  • गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाया जाए और गन्ने की बकाया राशि का भुगतान तुरंत किया जाए।
  • भारत WTO से बाहर आए और सभी मुक्त व्यापार समझौते रद्द किए जाएं।
  • किसान आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए सभी मुकदमे वापस लिए जाएं।
  • प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों के बकाया मुआवजे का भुगतान तुरंत किया जाए।
  • सेना में भर्ती की अग्निपथ योजना वापस ली जाए।