किसान अंदोलन: गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली की तयारी में जुटे किसान, जानें पूरा प्लान

Share on:

नई दिल्ली। देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पूरे 2 महीने से केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन जारी है। जिसके चलते अब सबकी नजर गणतंत्र दिवस पर प्रदर्शनकारियों द्वारा पूर्व घोषित दिल्ली में ट्रैक्टरों के साथ किसान परेड निकालने पर टिकी है। आपको बता दे कि, आज यानि रविवार को किसान अंदोलन का 60वां दिन है और आंदोलनकारी इस समय ट्रैक्टर रैली निकालने की तैयारी में जुटे हैं।

वही पंजाब के मालवा क्षेत्र के किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन एकता (उग्राहां) के अध्यक्ष योगिंदर सिंह ने बताया कि पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान समेत देश के अन्य प्रांतों से भी किसान रैली में शामिल होने के लिए ट्रैक्टरों के साथ दिल्ली की सीमाओं पर पहुंच रहे हैं। उन्होंने बताया कि किसान परेड के लिए वोलेंटियर लगाए गए हैं। एक लाख से अधिक ट्रैक्टर परेड में उतारने की तैयारी है और महिलाएं खुली ट्रॉलियों में जाएंगी।

किसान नेताओं ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के भीतर आउटर रिंग रोड पर किसान गणतंत्र परेड निकालने की तैयारी है। वही पंजाब के ही किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन के जनरल सेक्रेटरी परमिंदर सिंह पाल माजरा ने बताया कि किसान गणतंत्र परेड में लाखों किसान शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 100 किलोमीटर के दायरे में यह रैली निकलेगी।

बता दे कि, किसान यूनियनों ने शांतिपूर्ण ढंग से किसान गणतंत्र परेड निकालने की बात कही है। इसी कड़ी में बीते शनिवार को इस संबंध में दिल्ली पुलिस के साथ हुई वार्ता में यूनियन के नेताओं ने ट्रैक्टर रैली निकालने की अनुमति मिलने का दावा किया था। हालांकि पुलिस ने कहा कि बातचीत अंतिम चरण में है।
सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन में शामिल किसान नेताओं ने बताया कि किसान गणतंत्र परेड आउटर रिंग रोड पर तय रूट पर निकालने की तैयारी चल रही है।

वही अब तक केंद्र और किसान संगठनो की 11 दौर की वार्ताएं हो चुकी है लेकिन ये सभी वार्ता बेनतीजा रही हैं। किसान यूनियनों के साथ 11वें दौर की वार्ता में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने नये कानूनों के अमल पर डेढ़ साल तक रोक लगाने के सरकार के प्रस्ताव पर किसानों को पुनर्विचार करने को कहा।

इस संबंध में पूछे गए सवाल पर योगिंदर सिंह ने कहा, सरकार जब नये कृषि कानूनों में संशोधन करने और इनके अमल पर रोक लगाने को तैयार है, तो फिर निरस्त करने के बारे में भी सोचना चाहिए।