नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली की बॉर्डर पर डटे किसानों का आज 37वां दिन था। वही, किसानों ने केंद्र सरकार पर समाधान के नाम पर गुमराह करने के आरोप लगाने के साथ ही कहा कि उनसे सिर्फ झूठ बोला जा रहा है। अब 4 जनवरी को केंद्र के साथ किसान संगठन के नेता सातवें दौर की बातचीत करेंगे।
इस दौरान किसान संगठनों के नेताओं ने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि, अगले दौर की बातचीत के बाद भी अगर उनकी बात नहीं मानी गईं तो आंदोलन और उग्र होगा। हालांकि इस दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने अगले दौर की बातचीत में समाधान की बात कही है।
वही हरियाणा के किसान नेता विकास सीसर ने कहा कि, अगर 4 जनवरी को सरकार ने किसानों की बात नहीं मानी तो हरियाणा में सभी टोल प्लाजा फ्री कर दिए जाएंगे वहीं पेट्रोल पंप और मॉल्स बंद करेंगे। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि, BJP और जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के नेताओं को राज्य में विरोध का सामना करना पड़ेगा।
In Haryana, all toll plazas will remain free. All the petrol pumps & malls, except private, will be shut. Leaders of BJP & Jannayak Janata Party (JJP) will face protests in the state & this will continue till their govt of alliance breaks: Vikas Sisar, Haryana farmer leader pic.twitter.com/gFKPO63aKk
— ANI (@ANI) January 1, 2021
किसान नेता युद्धवीर सिंह ने कहा कि, अगर हमारी मागें नहीं मानी जाती हैं तो हम 6 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि, किसान यूनियनों की अब तक की बैठकों में किसानों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर केवल पांच प्रतिशत ही चर्चा हुई है। अगर 4 जनवरी तक सरकार हमारे पक्ष में फैसला नहीं लेती है तो किसान संघों को मजबूत कदम उठाने होंगे।
साथ ही यादव ने ये भी कहा कि, 50 प्रतिशत मुद्दों को हल करने के दावे झूठे हैं। हमारी दो मुख्य मांगें हैं- तीन कृषि बिलों को रद्द किया जाना चाहिए और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी अभी भी बाकी है।