नई दिल्ली। किसान आंदोलन को आज तीन हफ्तों से भी ज्यादा समय हो गया है, और पहले दिन की ही तरह किसान अभी भी एक ही मांग पर डाटे हुए है। जिसके चलते एक बार फिर से किसानों को एक पत्र भेजा गया है। किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी के श्रवण सिंह पंढेर ने कहा है कि केंद्र ने मंगलवार को एक पत्र भेजा है। जिसमें कहा है कि किसान कृषि कानून वापस लेने वाली बात से पीछे हटकर संशोधन करने के लिए बात करना चाहते हैं तो समय और तारीख दें। किसानों ने आरोप लगाया है कि केंद्र किसान संगठनों पर चक्रव्यूह रचने का प्रयास कर रही है।
बता दे कि, किसान आंदोलन का आज 27वां दिन है। कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने 26 नबम्बर से अपना प्रदर्शन शुरू किया था। अब इस आंदोलन के करीब एक महीने होने को हैं। लेकिन अभी तक कोई नतीजा निकलता नहीं दिख रहा है। अगले दौर की बातचीत को लेकर सरकार द्वारा भेजे गये प्रस्ताव पर किसान संगठनों की आज बैठक थी। इसके बाद किसानों ने केंद्र को लेकर ये बाते कही है।
उल्लेखनीय है कि, सरकार ने किसानों को पत्र लिखकर एकबार फिर बातचीत का आमंत्रण दिया है और अपनी पसंद की तारीख बताने को कहा है। बता दे कि, केंद्र सरकार ने 40 किसान संगठनों को संबोधित करते हुए एक पत्र लिखा था और उन्हें बातचीत के लिए आमंत्रित किया था। सरकार ने ये भी कहा था कि, किसान संगठन अपनी पसंद से कोई भी तारीख चुन सकते हैं। ऐसे में इस बात की उम्मीद जताई जा रही थी कि, किसान संगठनों की आज की बैठक में केंद्र सरकार के प्रस्ताव को लेकर कोई फैसला लिया जा सकता है। लेकिन, किसानों के सामने केंद्र ने फिर से एक नई शर्त रख दी है। दरअसल, किसान तीनों कृषि सबंधी कानून को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं जबकि केंद्र संशोधन की बात कह रही है।