नई दिल्ली। देश भर में कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन जारी है। जिसके चलते कानून के पक्ष में माहौल बनाने के लिए व्यापक प्लानिंग की है। इस प्लानिंग में सोशल मीडिया में हैशटैग ट्रेंड करने से लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस और किसान सम्मेलन शामिल हैं। 16 दिसंबर तक के कार्यक्रम तय किए गए हैं। इसी के चलते भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा की ओर से पार्टी के सभी प्रदेश अध्यक्षों को और प्रभारियों को कार्यक्रम की डिटेल भेजते हुए कहा गया है कि वह कार्यक्रम सुनिश्चित कर हर दिन की डिटेल भी भेंजे। वही, बीजेपी किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजकुमार चाहर ने आरोप लगाया कि विपक्ष मासूम किसानों को बहका रहा है। उन्होंने कहा कि क्या किसान आंदोलन स्थल पर एसी, टीवी लगाकर आंदोलन कर सकता है? चाहर ने कहा कि यह विपक्ष का षडयंत्र है।
वही सूत्रों की माने तो, शुक्रवार से लेकर 16 दिसंबर तक बीजेपी सोशल मीडिया में हैशटैग ट्रेंड करवाकर कृषि कानूनों के फायदे बताएगी। साथ ही सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं से कहा गया है कि, केंद्र की तरफ से दिए गए हैशटैग का व्यापक प्रचार कर इसे ट्रेंड कराना है। बता दे कि, 14 से 16 दिसंबर तक किसान सम्मेलन-जनजागरण किया जाएगा। इसमें कृषि कानून के संबंध में देश भर में 100 प्रमुख जगहों पर किसान सम्मेलन आयोजित कर जनजागरण अभियान के जरिए इसके फायदे बताए जाएंगे। केंद्र सरकार की तरफ से तैयार पर्चों को भी अलग अलग माध्यमों से घर घर पहुंचाने के लिए कहा गया है।
बता दे कि, 12 से लेकर 16 दिसंबर तक देश के सभी जिलों और प्रमुख जगहों पर सभी सहकारी संस्थाओं, एपेक्स लेबल कोऑपरेटिव संस्थाएं, एपीएमसी, मंडियां, जिला सहकारी संस्थाएं, विभिन्न प्रकार के डेयरी उत्पादों की संस्थाओं में जनसंपर्क अभियान और चर्चा का कार्यक्रम तय किया गया है। वही एक बीजेपी नेता के अनुसार, सिख भाई-बहनों के लिए अलग से एक पुस्तिका भी छापी है, जिसे वितरित किया जाएगा और ईमेल के जरिए भी भेजा जाएगा। साथ ही 14 दिसंबर तक प्रदेश प्रवक्ताओं से विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए छोटी छोटी बैठकें लेने को भी कहा गया है।
वही केंद्र की ओर से कृषि मंत्री ने कहा कि, सरकार किसान संगठनों से बातचीत के बाद, कानून में जरूरी संशोधन को तैयार है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि, “सरकार ने काफी विचार करने के बाद कानून बनाए हैं ताकि किसानों के जीवन में बदलाव आ सके, सालों से जो उनके साथ अन्याय हो रहा था उसे दूर किया जा सके। ऐसा यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया कि किसानों की जिंदगी बेहतर हो और वे फायदे वाली खेती कर सकें। हम मानते हैं कि हम ओवररूल करने वाली ताकत नहीं हैं और यूनियनों के मन में भी कुछ होगा। इसलिए सरकार बातचीत के बाद कानूनों में सुधार को तैयार है।”
कृषि मंत्री ने कहा कि, सरकार बातचीत के बाद ‘कानून में सुधार’ करने के लिए तैयार है। साथ ही न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को लेकर तोमर ने कहा कि, “प्रधानमंत्री ने दोनों सदनों में इसपर आश्वासन दिया है। अगर संसद में ऐसा कहा जा रहा है तो यह एक दस्तावेज है। यह सरकार की नीयत को दर्शाता है। उससे शक्तिशाली दस्तावेज कोई हो नहीं सकता। एमएसपी जारी रहेगा, इसमें किसी को शक नहीं रहना चाहिए।”
बता दे कि, किसानों ने एक बार फिर सरकार की ओर से बातचीत शुरू करने की पेशकश ठुकरा दी है। वही, शुक्रवार को ऑल इंडिया किसान सभा के पंजाब में जनरल सेक्रेटरी मेजर सिंह पुनावाल ने न्यूज़ एजेंसी से कहा कि, ”हमारा अगला कार्यक्रम 12 दिसंबर से पहले जयपुर-दिल्ली एक्सप्रेसवे को जाम करना है और 14 दिसंबर को देशभर में जिला स्तर पर डीसी के दफ्तरों के सामने मोर्चे निकाल कर धरना-प्रदर्शन करना है। बीजेपी के दफ्तरों के आगे भी धरना दिया जाएगा।”
उन्होंने आगे कहा कि, पंजाब की तरह देशभर में टोल फ्री किया जाएगा और रिलायंस के पेट्रोल पंप को बंद किया जाएगा। साथ ही भारतीय किसान यूनियन के गुरविंदर सिंह ने कहा कि, जब तक तीनों कृषि कानून वापस नहीं होंगे किसानों का यह आंदोलन चलता रहेगा। उन्होंने कहा कि, आगे आंदोलन और तेज करने की तैयारी जोरों पर चल रही है।
बीजेपी किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजकुमार चाहर ने कहा कि, विपक्ष कृषि कानूनों को लेकर दुष्प्रचार कर रहा है और झूठ फैला रहा है। हमारा मकसद किसानों को सचाई बताना है। हम किसानों का हित देख रहे हैं और विपक्षी दल राजनीति कर रहे हैं। टैंट के अंदर (आंदोलन स्थल पर) एसी, टीवी लगा रखे हैं, क्या किसान आंदोलन करने एसी लेकर जा सकता है? उन्होंने आगे कहा कि, यह सरकार के खिलाफ बहुत बड़ा षडयंत्र हैं। वे ताकतें जिनका जनाधार खिसक गया हैं, जो पीएम नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता से घबराए हैं उन्होंने किसानों के कंधों पर बंदूक रखी है। ये लोग किसान और जवान दोनों को लड़ाने की कोशिश कर रहे हैं। चाहर ने कहा कि विपक्ष ने किसानों के मन में पहले दिन से ही भ्रम डालना शुरू किया। जब संसद चल रही थी तब विपक्ष कुछ नहीं बोला, लगता है विपक्ष लंबे वक्त से इस षडयंत्र को रच रहा था।