खेलो इंडिया यूथ गेम्स : मेडल्स पर होगी किसान पुत्र विशाल की नजरें

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प्रदेश के युवा खिलाड़ी अब खेलों में बेहतर भविष्य के अवसर देख पा रहे हैं। अब छोटे-छोटे गाँवों के खिलाडी बड़े खेल आयोजनों में अपनी प्रतिभा निखार कर न सिर्फ जिले का नाम रोशन कर रहे हैं बल्कि प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर अपनी छाप छोड़ने में कामयाबी हासिल कर पा रहे हैं। जैसे खरगोन जिले के सुनील डावर एथलेटिक्स में पिछले वर्षों में अपना परचम लहराया है। इसी तरह महेश्वर में खेलों इंडिया 2022 में एक ऐसा खिलाड़ी कैनो स्लेलॅम में जौहर दिखाने और मेडल्स पाने को आतुर है।

जो सीहोर के एक छोटे से गांव शिकारपुर के किसान परिवार का लाड़ला है। यहां के विशाल वर्मा का कहना है कि अब तक महेश्वर में जो नेशनल स्तर की प्रतियोगिता हुई है। उनमें उन्होंने गोल्ड मेडल जीते हैं। अब नेशनल यूथ गेम्स खेलों इंडिया में भी गोल्ड जीतने में अपना पूरा अनुभव और धाराओं को चीरने वाला बल लगाएंगे। कुछ वर्षों में मप्र खेल अकादमी भोपाल ने कई खेलों में खिलाड़ियों को सुविधाएं और उन्नत व्यवस्थाएं प्रदान की है।

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एशियन चेम्पियनशिप में भी कर चुके हैं शिरकत

अभी कक्षा 12 वी की तैयारी करने वाले विशाल वर्मा पिछले 4 वर्षों से मध्यप्रदेश खेल अकादमी में कोचिंग प्राप्त कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने 5 नेशनल और 1 इंटरनेशनल स्तर की प्रतियोगिता में शामिल हुए है। विशाल का कहना है महेश्वर का ट्रैक न सिर्फ भारत मंे बल्कि अब तक उनके अनुभव के आधार पर एशिया का सबसे बढ़िया ट्रेक है। वर्ष 2022 में थाईलैंड के पटाया में हुई इंटरनेशनल कैनो स्लेलम में कृत्रिम ट्रेक में प्रतियोगिता हुई थी। जबकि महेश्वर की सहस्त्रधारा में पानी की गति स्थान और दूरी एकदम प्राकृतिक अहसास कराती है। जहां खिलाड़ियों को एक सुखद अनुभव होता है। मैं खुशकिस्मत हूँ कि ऐसी ट्रैक पर खेलों इंडिया-2022 का स्लेलॅम हो रहा है। जहां उन्होंने 6 वी 7वी और 8 वी नेशनल कैनो स्लेलम प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल्स प्राप्त किये हैं। विशाल ने वर्ष 2018 से 2022 के बीच खेली कई नेशनल प्रतियोगिताओं में 5 गोल्ड मेडल्स जीते हैं। वे पिछले 4 वर्षाें से खेल अकादमी से कोचिंग ले रहे हैं।

विशाल को मीडिया से मिली प्रेरणा

विशाल ने बताया कि जब वो छोटे थे तब उनके गांव के पास रेहटी जहाँ पर एक और कैनो स्लेलॅम के लिए ट्रैक है, वहां ये प्रतियोगिता हुई थी। उस दौरान अलग-अलग समाचार पत्रों में खेल के बारे में पढ़ा और ढेरों जानकारियां मिली थी। तभी से उनके मन में भी कैनो स्लेलॅम में अवसर बनाने का मन बनाया। आज विशाल फिर से महेश्वर के सहस्त्रधारा में गोल्ड तलाशने के लिए पहुँचे हैं।