हमारे हिन्दू धर्म में पंचाग के अनुसार खरमास का बेहद खास महत्व माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जो व्यक्ति खरमास के अंतिम दिन दान पुन्य और गंगा में स्नान करता है उसके सारे पाप धुल जाते हैं। इसलिए इस माह में ऐसा करना बेहद ही शुभ माना जाता है. इस दिन ग्रहों के राजा सूर्य देव धनु राशि में प्रवेश करेंगे हैं उसी वक्त धनु संक्रांति भी मनाई जाती है। बता दें इसी दिन से खरमास माह भी शुरु हो जाता है। खरमास माह के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। इस दिन से सभी शुभ मंगल कार्यो पर विराम लग जाता है।
कब है धनु संक्रांति
जिस दिन घरो के देवता सूर्य देवता एक ग्रह से निकलकर दूसरे ग्रह में प्रवेश करते हैं उसे संक्रांति के रूप से जाना जाता है। माना जाता है कि जब सूर्य किसी दूसरी राशि के निकलकर धनु राशि में प्रवेश करते हैं तो इस दिन को धनु संक्रांति भी कहा जाता है। जब सूर्य धनु राशि में आते है तब से खरमास का माह शुरु हो जाता है। इस साल धनु संक्रांति शनिवार 16 दिसंबर से शुरु होने जा रहा है। इस दिन से शुभ कार्य करने पर विराम लग जाएगा। क्योंकि धनु राशि में सूर्य का गोचर बेहद अशुभ माना जाता है।
पुण्यकाल का मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार धनु संक्रांति शनिवार 16 दिसंबर के दिन पुण्यकाल की शुरूआत सुबह 9:58 पर होगी जो शाम 4:22 पर खत्म होगी। इस दिन पितृ तर्पण, दान और गोदावरी नदी में स्नान बेहद खास महत्व होता है।
खरमास का शुभ मुहूर्त
सूर्य देवता 16 दिसंबर की शाम को 3 बजकर 58 मिनट पर वृक्ष्चिक राशि से निकलकर धनु राशि में प्रवेश करेंगे। इसके बाद से ही खरमास माह शुरु हो जाएगा।
खरमास में न करें ये काम
1. खरमास के दौरान शादी-विवाह से शुभ कार्य नहीं किया जाता है।
2. खरमास में आप अपना नया घर, संपत्ति या नया कारोबार खरीदने की कोई शुरुआत न करें।
3. खरमास के महीने में आपको शराब के सेवन और तामसिक भोजन के सेवन से बचना चाहिए।