खादीबाज़ार-2021: भारतीय परंपरा से प्रेरित “प्राकृतिक पेंट” एक अभिनव का आयोजन

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इंदौर: आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है इसी के अंतर्गत खादी ग्रामोद्योग भवन भोपाल द्वारा खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की बिक्री हेतु 15 दिवसीय “खादीबाज़ार-2021” विशेष खादी प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है l खादी ग्रामोद्योग भवन, खादी ग्रामोद्योग आयोग एवं सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित की गई हैl इस प्रदर्शनी को शहरवासियों द्वारा काफी पसंद किया जा रहा है और यहाँ आए ग्राम और कुटीर उद्योगियों को बहुत अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है। इसबार खादी प्रदर्शनी में प्राकृतिक पेंट रहा l इस पेंट में मुख्य कच्चे माल, गाय के गोबर का वैज्ञानिक रूप से उपचार करके प्राचीन प्रथा को एक आधुनिक उत्पाद – इमल्शन पेंट में बदल दिया गया है।

प्राकृतिक पेंट बनाने वाली इंदौर की कंपनी सृजन के प्रवीण पाटिल ने बताया कि : घरों की दीवारों और फर्श को गाय के गोबर से कोटिंग करने की सदियों पुरानी भारतीय परंपरा से प्रेरित “प्राकृतिक पेंट” एक अभिनव, पर्यावरण के अनुकूल और लागत प्रभावी उत्पाद है । इस प्रोडक्ट को बनाने की ट्रेनिंग हमने खादी इंडिया के जयपुर सेंटर से ली है जिसे दो साल पहले केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी जी ने लांच किया था l पेंट के आठ प्राकृतिक लाभ यानी अष्ट लाभ इसे अद्वितीय और दीवारों के लिए एक आदर्श सुरक्षा बनाते हैं। पेंट धोने योग्य, जलरोधक, टिकाऊ है और केवल 4 घंटों में जल्दी सूख जाता है। यह बीआईएस मानकों के अनुरूप है।

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खादी प्राकृत इमल्शन पेंट मैट फिनिश के साथ व्हाइट कलर बेस में आता है। रंगों को उपयुक्त रूप से मिलाकर इसे किसी भी रंग में विकसित किया जा सकता है। खादी आयोग ने इस अभिनव पेंट को किसानों की आय बढ़ाने, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के माध्यम से स्थायी आजीविका बनाने और आम जनता को उचित मूल्य पर उच्च गुणवत्ता वाला पेंट उपलब्ध कराने के उद्देश्य से विकसित किया है।

अष्ट लाभ: पर्यावरण के अनुकूल, बैक्टीरियल विरोधी, कवक विरोधी, गैर-विषाक्त, बिना गंध, भारी धातुओं से मुक्त प्राकृतिक थर्मल इन्सुलेटर, प्रभावी लागत

पहले रविवार को भारी संख्या में लोगो ने आकर खादी उत्पादों को तो जाना ही साथ ही खादी इंडिया द्वारा प्रोसाहित उत्पादों जेसे प्राकृतिक पेंट , लेदर उत्पाद और कई नए कुटीर और लघु उद्योगों से भी परिचय किया l साथ ही खादी ग्रामोद्योग द्वारा कुटीर उद्योग और लघु उद्योग को बढ़ावा देने के लिए यहाँ पर उन उत्पादों के स्टाल्स भी लगे है जो अपना उद्योग घर और बहुत छोटे स्तर पर चला रहे है l यह एक प्लेटफार्म है जहाँ वे अपने उत्पादों को मार्केट कर सकते है l

ऐसे ही रेवास कलेक्शन की रचना भाले बताती है की : लोगों को छत्तीसगढ़ का कोसा के साथ साथ मंगलम , इखद,सिल्क बुटिक, कलमकारी काथा हैण्ड मेड साड़ीया और कुर्ती बहुत पसंद आ रही है l लेडीज़ ऑउटफिट जैसे कुर्ता, प्लाजो, सलवार, इत्यादि आकर्षण का केंद्र बने ।

प्रदर्शनी के संयोजक श्री पंकज दुबे ने बताया कि “यह प्रदर्शनी 1 दिसंबर से शुरू हुई और कुछ दिन में ही इसको बहुत अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है और आगे भी इसकी उम्मीद है l यहां पर देश के कई प्रांतों के खादी और ग्रामोद्योगी उत्पाद लोगों का मन मोह लेंगे हैं। खादी ग्रामोद्योगी संस्थाएं कम पूंजी में लाखों ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध करा रही हैं। इस प्रदर्शनी में उत्तर प्रदेश, महराष्ट्र, पंजाब, गोवा, असाम, कोलकत्ता अर्थात पुरे देश से कारीगर बुलाए गए है जो शहरवासियो को अपने उत्पादों से प्रभावित कर रहे है l रोज शाम को संस्कृतिक कार्क्रम भी आयोजित किये जा रहे है और गाँधी जी को समर्पित भजन सब को सम्मोहित करते है l