कासगंज हादसा: थम गईं घर आंगन की किलकारियां, बच्चों के शवों को देख अधिकारियों की भी आंखें हुई नम, 24 की मौत

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यूपी के कासगंज में ट्रैक्टर-ट्रॉली हादसे में 24 लोगों की जान चली गई । हादसे के बाद गांव नगला कसा में शव पहुंचना शुरू हुए तो गांव का माहौल गमगीन हो गया। इस हादसे में बच्चों की भी जान गई । गांव की महिलाएं हो या बच्चे, युवा हों या बुजुर्ग, सभी की आंखें नम थी। बस एक ही बात लोगों के मुंह से निकल रही थी कि किस मनहूस घड़ी में गंगा स्नान को गए थे।

आपको बता दें ट्रॉली में तीन गांवों के 52 लोग सवार लोग गंगा में स्नान करने जा रहे थे। वहीं हादसे में 8 बच्चों समेत 23 लोगों की मौत हो गई। ये सभी लोग एक बच्चे का गंगा किनारे मुंडन करवाने जा रहे थे। राहगीरों और मौके पर पहुंचे सिपाही ने तालाब में छलांग लगाकर लोगों को बचायाए लेकिन तब तक 23 मौतें हो चुकी थीं। एटा के जिस छह महीने के बच्चे विकास का मुंडन होना थाए उसका शव अभी तक नहीं मिल पाया है।

वहीं हादसे के बाद शाम के समय शव पहुंचने पर कोई बेटे के लिए रो रहा था तो कोई पिता के लिए। किसी ने पत्नी को खोया तो किसी ने पति को। आलम ऐसा था कि मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों की भी आंखें नम हो गईं। प्रशासन ने शवों के अंतिम संस्कार की तैयारी की। लेकिन गांव के लोगों ने रात का हवाला देकर अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। लोगों ने रिश्तेदारों के आने का हवाला दिया।

ट्रैक्टर-ट्रॉली के हादसे में आठ बच्चों की मौत हो गई। घर के आंगन में जिनकी किलकारियां गूंजती थी उनकी मौत के बाद इन घरों के आंगन वीरान हो गए। ये बच्चे न तो बचपन ही जी पाए और न ही जवानी देख पाए। बच्चों की मौत से परिवार के लोग चीत्कार कर रहे हैं वहीं बच्चों के शव देखकर न जाने कितने लोगों की आंखों में आंसू आ गए।

हादसे पर पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ ने हादसे पर दुख जताया है। केंद्र सरकार ने मृतकों के परिवारीजनों को 2-2 लाख और घायलों को 50-50 हजार जबकि यूपी सरकार ने मृतकों के घरवालों को 6.6 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये की मदद देने का ऐलान किया है।