“हे भगवान! कृपया मुझे एक और मौका दें।” दिसंबर 2022 में करुण नायर द्वारा किए गए इस भावुक ट्वीट ने उनके संघर्ष और हताशा की झलक दी थी। घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन के बावजूद नजरअंदाज किए जाने से निराश करुण का करियर लगभग खत्म होने के कगार पर था। लेकिन, इस पोस्ट के बाद 12-13 महीनों में करुण के लिए जैसे चमत्कार हो गया। विजय हजारे ट्रॉफी 2024/25 में उनके अद्भुत प्रदर्शन ने न केवल चयनकर्ताओं का ध्यान खींचा, बल्कि भारतीय टीम के दरवाजे पर उनकी जोरदार दस्तक भी दी।
विजय हजारे ट्रॉफी में करुण का जलवा
करुण नायर ने इस टूर्नामेंट में छह पारियों में पांच शानदार शतक जड़े और पांच बार नॉटआउट रहे। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के खिलाफ 112 रन, चंडीगढ़ के खिलाफ 163 रन, तमिलनाडु के खिलाफ 111 रन, उत्तर प्रदेश के खिलाफ 112 रन और राजस्थान के खिलाफ क्वार्टर फाइनल में नाबाद 122 रन बनाए। उनकी इस जादुई फॉर्म ने विदर्भ को सेमीफाइनल तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई।
लिस्ट ए क्रिकेट में ऐतिहासिक प्रदर्शन
करुण नायर का विजय हजारे ट्रॉफी में प्रदर्शन लिस्ट ए क्रिकेट के इतिहास में दर्ज हो चुका है। बिना आउट हुए सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाजों में करुण शीर्ष पर हैं। वह नारायण जगदीशन के बाद टूर्नामेंट के एक संस्करण में पांच शतक लगाने वाले केवल दूसरे बल्लेबाज बन गए। साथ ही, वह लिस्ट ए क्रिकेट में लगातार चार शतक जड़ने वाले चुनिंदा तीन बल्लेबाजों में शामिल हो गए हैं। राजस्थान के खिलाफ ध्रुव शौरी के साथ नाबाद 200 रन की साझेदारी उनके धैर्य और दृढ़ता का प्रमाण है।
संघर्ष से सफलता तक का सफर
करुण नायर का अंतरराष्ट्रीय करियर 2016 में इंग्लैंड के खिलाफ तिहरा शतक (नाबाद 303) के बाद भी ज्यादा लंबा नहीं चला। खराब फॉर्म और चयनकर्ताओं के फैसले ने उनके करियर को ठप कर दिया। घरेलू क्रिकेट में भी टीमों ने उन्हें नजरअंदाज करना शुरू कर दिया। ऐसे मुश्किल वक्त में बीसीसीआई के जनरल मैनेजर अबे कुरुविला ने उनका साथ दिया।
टेस्ट टीम में वापसी की उम्मीद
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय टेस्ट टीम में बदलाव के इस दौर में चयनकर्ता करुण नायर को फिर से मौका देने में रुचि दिखा रहे हैं। विराट कोहली और रोहित शर्मा के करियर के अंतिम चरण में होने के कारण करुण के अनुभव का फायदा टीम को मिल सकता है।
‘एक और मौका’ का सपना होगा साकार
करुण नायर ने अपने ट्वीट के बारे में कहा, “वह पल मेरे लिए बहुत भावुक था।” लेकिन उन्होंने अपनी मेहनत और विश्वास से साबित कर दिया कि जब तक हौसला बुलंद हो, तब तक हर मुश्किल को पार किया जा सकता है। उनका सफर प्रेरणा से भरा हुआ है और यह दिखाता है कि जब आप हार न मानें, तो कोई भी चुनौती बड़ी नहीं होती।