कार्तिक पूर्णिमा को साल की सभी पूर्णिमाओं में श्रेष्ठ माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार इन दिन देव दीपावली मनाई जाती है। इस दिन को लेकर कई मान्यताएं प्रचलित है इस दिन को पुण्य कमाने के लिए सबसे उत्तम दिन माना जाता है। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार इसी दिन भगवान विष्णु ने मत्स्यावतार लिया था। इस दिन गंगा समेत अन्य पवित्र नदियों में स्नान करना पुण्यकारी माना जाता है साथ ही कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर दीपदान करना भी विशेष फलदायी होता है।
शुभ मुहूर्त
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार कार्तिक महीने की पूर्णिमा को कार्तिक पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा हर साल नवंबर के महीने में आती है। इस बार कार्तिक पूर्णिमा 12 नवंबर 2019 को मनाई जाएगी। पूर्णिमा तिथि 11 नवंबर 2019 को शाम 06 बजकर 02 मिनट से आरंभ होकर 12 नवंबर 2019 को शाम 07 बजकर 04 मिनट तक रहेगी। इस दौरान पूजा करना और गंगा स्नान के साथ ही दीपदान करना शुभ माना जाता है।
पूजा विधि
कार्तिक पूर्णिमा के दिन सूर्योदय के समय पवित्र नदी में स्नान करें अगर पवित्र नदी में स्नान करना संभव नहीं तो घर पर ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर लें। इसके बाद कई लोग इस दिन व्रत रखते है लेकिन यदि आप व्रत नहीं रख सके तों भगवान विष्णु से अपने व्रत ना रखने की वजह बताकर उनसे माफी मांग लें।
अब रात के समय विधि-विधान से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करें और सत्यनारायण की कथा पढ़ें, सुनें और सुनाएं। भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की आरती उतारने के बाद चंद्रमा को अर्घ्य दें। इसके बाद घर के अंदर और बाहर दीपक जलाएं। बाद में घर के सभी सदस्यों में प्रसाद वितरण कर बुजूर्गो से आशीर्वाद प्रापत करें।
इस दिन दान करना भी अत्यंत शुभ माना जाता है। आप चाहे तो इस दिन किसी ब्राह्मण या निर्धन व्यक्ति को भोजन करा सकते है। और अपने सामर्थय के अनुसार दान और भेंट देकर उन्हें विदा करें। इसके बाद आप दीपदान कर भी कर सकते है।