Kartik Month Vrat Tyohar 2024: कार्तिक मास 18 अक्टूबर 2024 से आरंभ होकर 15 नवंबर 2024 को कार्तिक पूर्णिमा के साथ समाप्त होगा। यह मास शरद ऋतु की शुरुआत का संकेत देता है और इसे चातुर्मास का अंतिम महीना माना जाता है। धार्मिक दृष्टि से, कार्तिक मास को अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दौरान दीपदान करने से व्यक्ति के पिछले और वर्तमान जन्म के पाप समाप्त हो जाते हैं, जिससे उन्हें सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही, तीर्थ नदियों के जल में स्नान करने से स्वास्थ्य लाभ मिलता है। इस मास में तुलसी और भगवान विष्णु की विशेष पूजा का भी विधान है, जिससे देवी लक्ष्मी की कृपा बरसने की मान्यता है।
प्रमुख व्रत और त्योहार
कार्तिक मास में कई महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार मनाए जाते हैं, जैसे दिवाली, धनतेरस, देव उठनी एकादशी और छठ पूजा।
व्रत और त्योहारों की सूची..
18 अक्टूबर 2024 (शुक्रवार): कार्तिक मास का आरंभ।
20 अक्टूबर 2024 (रविवार): संकष्टी चतुर्थी और करवा चौथ। इस दिन सुहागिन महिलाएं निर्जला व्रत रखकर अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं।
24 अक्टूबर 2024 (गुरुवार): अहोई अष्टमी, राधा कुंड स्नान, कालाष्टमी और गुरु पुष्य योग। अहोई अष्टमी का व्रत संतान की भलाई के लिए किया जाता है।
28 अक्टूबर 2024 (सोमवार): रमा एकादशी। इस दिन मां लक्ष्मी और विष्णु जी की पूजा से धन-संपत्ति में वृद्धि होती है।
29 अक्टूबर 2024 (मंगलवार): धनतेरस, प्रदोष व्रत (कृष्ण) और यम दीपक। धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि और कुबेर देव की पूजा की जाती है।
31 अक्टूबर 2024 (गुरुवार): नरक चतुर्दशी और दिवाली। इस साल दिवाली 31 अक्टूबर और 1 नवंबर को मनाई जाएगी, जिसमें लक्ष्मी पूजा का विशेष महत्व है।
2 नवंबर 2024 (शनिवार): गोवर्धन पूजा और अन्नकूट। इस दिन श्री कृष्ण की कृपा प्राप्त करने के लिए गोवर्धन पर्वत की पूजा की जाती है।
3 नवंबर 2024 (रविवार): भाई दूज। इस दिन बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र की कामना करती हैं।
7 नवंबर 2024 (गुरुवार): छठ पूजा। इस पूजा में महिलाएं 36 घंटे का निर्जला व्रत रखती हैं।
15 नवंबर 2024 (शुक्रवार): कार्तिक पूर्णिमा, देव दिवाली और गुरु नानक जयंती। देव दिवाली के दिन देवताओं के धरती पर आने की मान्यता है, और इसे भक्ति भाव से मनाया जाता है।
इस प्रकार, कार्तिक मास का यह आयोजन धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, जिसमें विभिन्न व्रत और त्योहारों के माध्यम से भक्तजन अपने परिवार और समाज के कल्याण की कामना करते हैं।