बेंगलुरु : कर्नाटक उच्च न्यायालय ने नाबालिगों की शादी के संबंध में एक अहम और बड़ा फ़ैसला सुनाया है. कर्नाटक हाई कोर्ट ने कहा है कि कोई भी नाबालिग चाहे वह लड़का हो या लड़की वह अपनी पसंद के अनुसार शादी करने के लिए स्वतंत्र है. इसके लिए उन पर दबाव नहीं बनाया जा सकता है. इस फैसले के साथ ही कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कहा है कि यह सबका अधिकार है और हमारे संविधान में भी यह वर्णित है.
आपको जानकारी बता दें कि इससे पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट और दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा भी कुछ दिनों पूर्व इस तरह के अहम फ़ैसले लिए गए थे. इलहाबाद उच्च न्यायालय ने अपनी फ़ैसले में कहा था कि
एक बालिग नागरिक को अपने पसंद के व्यक्ति से शादी करने का अधिकार है. वहीं दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक मामले में फ़ैसला सुनाते हुए कहा था कि किसी भी बालिग़ युवती को कहीं भी किसी के भी साथ रहने के लिए स्वतन्त्रता का अधिकार है.
कर्नाटक उच्च न्यायालय द्वारा यह फ़ैसला बेंगलुरु निवासी एचबी वाजिद खान की अर्जी पर सुनाया गया है. वाजिद की अर्जी पर फैसला देते हुए कर्नाटक हाई कोर्ट ने कहा कि शादी करने के लिए नाबालिग युवक-युवती स्वतंत्र है. वे अपनी पसंद से शादी कर सकते हैं और इसमें धर्म और जाति भी उनके रस्ते में बाधा नहीं बन सकते हैं.