इंदौर। रविवार की रिमझिम बारिश के साथ शुरू हुआ कारगिल विजय दिवस का भव्य कार्यक्रम। यह आयोजन कारगिल विजय में शहीद हुए देश के जवानों को समर्पित था। भारत के शौर्य का प्रतीक ‘कारगिल विजय दिवस’ हर साल 26 जुलाई को मनाया जाता है। इस दिन हम कारगिल युद्ध में दुश्मन को परास्त करते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले अपने वीर सपूतों को याद करतेे हैं। कारगिल विजय दिवस का उत्सव मनाने को इंदौर में डॉ संदीप जुल्का और हेल्थ केयर सोल्जर्स के द्वारा हर वर्ष विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस वर्ष कोरोनाकाल को देखते हुए कारगिल विजय दिवस का कार्यक्रम ऑनलाइन माध्यम से 25 जुलाई, रविवार को शाम 5.30 बजे आयोजित किया गया, जिसमें 2000 से ज्यादा देशभक्त एक साथ जुड़े थे।कार्यक्रम के माध्यम से कारगिल के वीर शहीदों को श्रद्धांजलि भी दी गई। शहर के ख्यात चिकित्सक डॉ. संदीप जुल्का और हेल्थ केयर सोल्जर्स संस्था के द्वारा इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम में देश के कई क्षेत्रों के साथ ही अमेरिका से भी लोग जुड़े थे।
कारगिल विजय दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में सेवानिवृत्त आर्मी ऑफिसर्स, सरहद पर मौजूद जवान, महू के जवान, ऑफिसर्स एवं शहर के प्रतिष्ठित नागरिक शामिल थे। इस प्रोग्राम में मुख्य वक्ता थे लेफ्टिनेंट जनरल शेर अमीर सिंह, लेफ्टिनेंट जनरल सिसोदिया, श्री मीर रंजन नेगी, सत्यसाई स्कूल की प्रिंसिपल पुनिता नेहरू, मेजर जनरल डॉ एस के नीमा, ब्रिगेडियर विवेक शर्मा, अचला गौड़, कर्नल निखिल दिवान, कर्नल आशीष मंगुरकर, एयर कमोडोर विनोद चोपड़ा , एसपी जैन, राजेश भार्गव। तमिलनाडु, दिल्ली, कोलकाता, अहमदाबाद, त्रिपुरा से भी फौजी भाई इस कार्यक्रम में जुड़े थे। कई फौजी भाइयों ने मैसेज के
माध्यम से यह बताया कि वे इस कार्यक्रम को देखकर और भी मोटिवेटेड हुए है। कार्यक्रम में डॉ शेलेक्सी वर्मा, श्री ध्रुव नारायण भान (मुंबई) और किआ जोशी द्वारा अपने शानदार गीतों की प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम का संचालन डॉ संदीप जुल्का के द्वारा किया गया। यह प्रोग्राम वेबेक्स प्लेटफॉर्म पर आयोजित था। जिसके तहत लगभग 25 शहरों से जुड़ा गया। गौरतलब है कि डॉ. संदीप जुल्का और हेल्थ केयर सोल्जर्स द्वारा हर वर्ष कारगिल विजय दिवस मनाया जाता रहा है।
कार्यक्रम में मीर रंजन नेगी जी ने “अटल बिहारी बाजपेयी की कविता का पाठ किया। नेहरू मैडम ने कहा कि “देश के सभी स्कूलों में फौजियों के बच्चों की पढ़ाई निःशुल्क हो जानी चाहिए। साथ ही बच्चों को पाश्चात्य इतिहास की बजाय हिंदुस्तानी इतिहास के बारे में विस्तार से पढ़ाना चाहिए।” जनरल सिसोदिया ने कहा कि “एक फौजी बस इतना चाहता है कि आवाम हर वक्त उसके साथ खड़े रहे।” वीर नारी अर्चना गोड़ ने बताया कि”जब एक बार आप फौज से जुड़ जाते हैं तो आप हमेशा के लिए फौजी परिवार के सदस्य हो जाते हैं।”
एडिशनल डायरेक्टर पुलिस योगेश चौधरी ने कहा कि “सरहद पर तो फौजी अपना काम बड़ी ईमानदारी से कर रहा है लेकिन जनता को प्रॉक्सी वार के लिए भी तैयार रहना चाहिए क्योंकि वर्तमान में चीन और पाकिस्तान की कोशिश यहीं है कि हमारा देश कमजोर पड़े।
डॉ. संदीप जुल्का ने बताया कि “यह दिवस हमें अपने सैनिकों के साहस, शौर्य और समर्पण की याद दिलाता है। यह दिन है उन शहीदों को याद कर अपनी श्रद्धा-सुमन अर्पित करने का, जो हंसते-हंसते मातृभूमि की रक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए। यह दिन उन महान और वीर सैनिकों को समर्पित है जिन्होंने हमारे आने वाले सुखद कल के लिए अपने आप को बलिदान कर दिया। हमें भूलना नहीं चाहिए कि 1965 की लड़ाई में तत्कालीन प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री ने कहा था कि देशवासियों को एक दिन का खाना यदि कम भी खाना पड़े तो भी खाना हमारी सेनाओं को पहुंचते रहना चाहिए। इसीलिए हमारा कर्तव्य है कि हम अपने फौजी भाइयों को बताए कि हम हर वक्त उनके साथ खड़े है। इसीलिए हर वर्ष वीरता और गौरव की अद्भुत मिसाल के रूप में कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है।”