3 हज़ार करोड़ के ई टेंडर घोटाले में शामिल है कारम डैम प्रोजेक्ट भी – राजेश ज्वेल

Pinal Patidar
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धार के धरमपुरी स्थित गांव कोठीदा में कारम नदी पर निर्माणाधीन डैम में रिसाव के चलते कल दिनभर दहशत रही और रात में भी पूरी सरकारी मशीनरी ग्रामीणों को सुरक्षित राहत शिविरों में पहुंचाने में डटी रही . अग्निबाण द्वारा की गई जांच-पड़ताल से ये तथ्य भी उजागर हुआ कि कुछ समय पूर्व मध्यप्रदेश में जो तीन हजार करोड़ का ई-टेंडर घोटाला पकड़ा गया था , उसमें अन्य प्रोजेक्टों के साथ-साथ कारम डैम प्रोजेक्ट भी शामिल था ।

अभी जो ईडी विपक्ष के नेताओं पर धड़ाधड़ छापे मार रही है , उसी ने मप्र के चर्चित ई-टेंडर महाघोटाले के चलते तीन साल पहले 18 स्थानों पर छापे मारे थे, जिसमें मंत्री, अफसरों की लिप्तता तो सामने आईं, वहीं एक कम्पनी द्वारा 93 करोड़ रुपए की रिश्वत बांटी जाने का भी खुलासा ईडी ने अपनी जांच रिपोर्ट में किया। इतना ही नहीं विभागीय मंत्री ने विधानसभा में यह स्वीकारा कि कारम प्रोजेक्ट का प्रकरण भी राज्य आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ ने भोपाल में पंजीबद्ध किया है , लेकिन फिर हर मामले की तरह इस घोटाले में भी लीपापोती हो गई और फाइलों में सारी जांचे हो गई दफ़न.

अभी भारी बारिश के चलते कारम नदी पर बने बांध के फूटने की स्थिति कल निर्मित हो गई थी , जिसके चलते धार जिले के एक दर्जन तथा खरगोन के आधा दर्जन गांवों को पुलिस-प्रशासन ने मुनादी करते हुए ताबड़तोड़ खाली करवाया और पूरी शिवराज सरकार को इस ऑपरेशन में जुटना पड़ा । इंदौर से भी संभागायुक्त डॉ.पवन कुमार शर्मा और आईजी ग्रामीण राकेश गुप्ता कल ही मौके पर पहुंचे तो खरगोन कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम और एसपी धर्मवीर सिंह के अलावा धार कलेक्टर डॉ. पंकज जैन को भी मोर्चा संभालना पड़ा.. जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट और राजवर्धनसिंह दत्तीगांव भी बीते 24 घण्टे से बांध स्थल पर ही मौजूद हैं।

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ताबड़तोड़ राहत शिविरों की व्यवस्था ग्रामीणों को ठहराने के लिए की गई। बांध हालांकि फूटा नहीं और रिसाव को रोकने के लगातार प्रबंध किए जा रहे हैं , जिसमें सफ़लता मिलती भी दिख रही है . सेना के जवानों के साथ दो हेलीकॉप्टर भी कल रात पहुंच गए थे। दूसरी तरफ अब कारम डैम घोटाले की चर्चा शुरू हो गई है। कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से लेकर प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग अध्यक्ष के के मिश्रा ने 304 करोड़ के इस प्रोजेक्ट में बड़े भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और यह भी कहा कि शिवराज मंत्रिमंडल के एक ताकतवर मंत्री का वरदहस्त घटिया निर्माण करने वाली ब्लैकलिस्टेड कम्पनी को प्राप्त है। दरअसल, कांग्रेस सरकार ने ही तीन हजार करोड़ रुपए का जो ई-टेंडर महाघोटाला पकड़ा था उसमें यह कारम डैम प्रोजेक्ट भी शामिल रहा है।

इस घोटाले की जांच के लिए ईडी की टीम ने भोपाल के अलावा हैदराबाद, बैंगलुरु में 18 स्थानों पर छापे मारे थे , जिसमें आला अफसर गोपाल रेड्डी के बंगले भी शामिल रहे और राधेश्याम जुलानिया भी जांच के घेरे में आए. इस ई-टेंडर घोटाले में हैदराबाद की दो कम्पनियां मैक्स मेंटाना और माइक्रो जीवीपीआर इंजीनियर्स लि. मुख्य रूप से शामिल रही, जिसके प्रमोटरों के नाम घोटाले में ना सिर्फ उजागर हुए, बल्कि ईडी ने जो अपना अधिकृत दो पेज का प्रेस नोट जारी किया था उसमें एक ही कम्पनी मेंटाना कंस्ट्रक्शन द्वारा 93 करोड़ रुपए रिश्वत में देने का खुलासा भी किया। दूसरी तरफ जल संसाधन मंत्री सिलावट ने विधानसभा में भी यह स्वीकार किया कि ई-घोटाले की जो एफआईआर ईओडब्ल्यू ने दर्ज की है उसमें कारम सिंचाई परियोजना भी शामिल है। अब देखना ये है कि माफिया और भ्रष्टाचारियों को जमीन में दफना देने का दावा करने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कारम डैम घोटाले के जिम्मेदारों पर कब तक कड़ी कार्यवाही का बुलडोजर चलवाएंगे ?

जांच समिति भी गठित – घंटों बंद रहा इंदौर-खलघाट हाईवे भी

कल दोपहर इंदौर-खलघाट हाईवे को भी बंद करना पड़ा, जिसके कारण दोनों तरफ हजारों वाहनों की कतार लग गई। इंदौर-मुंबई के बीच चलने वाला यातायात घंटों प्रभावित हुआ। दूसरी तरफ जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने बताया कि डैम लीकेज के संबंध में विशेषज्ञों की जांच समिति गठित कर दी है जो शीघ्र ही जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करेगी और दोषियों पर कार्यवाही भी होंगी.

इंदौर आए मुख्यमंत्री रहे लेते रहे अफसरों से फिडबैक

कल जैसे ही कारम डैम में रिसाव की खबरें सोशल मीडिया पर तेजी से फैली, उसके साथ ही राष्ट्रीय न्यूज चैनलों पर भी इसका प्रसारण होने लगा। वहीं दूसरी तरफ इंदौर आए मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान इस घटना को लेकर चिंतित नजर आए और लगातार अफसरों से फीडबैक लेते रहे। अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा ने हर बार की तरह मोर्चा संभाला और वे पल-पल अपडेट मुख्यमंत्री के साथ मीडिया को भी देते रहे.
दिल्ली की कंस्ट्रक्शन कम्पनी एएनएस के पास है बांध निर्माण का ठेका

कारम मध्यम सिंचाई परियोजना का भूमिपूजन 4 साल पहले किया था और डैम निर्माण का ठेका दिल्ली की एएनएस कंस्ट्रक्शन प्रा.लि. कम्पनी को सौंपा, जो शर्मा बंधुओं की बताई जाती है। 36 महीने में इस डैम का निर्माण कार्य पूरा होना था, लेकिन कोरोना के चलते दो साल काम लगभग ठप रहा। अब कंपनी के कर्ताधर्ता खुद को बचाने में भी जुट गए है .

18 गांवों में पसरी दहशत – रातभर सामान समेटते रहे लोग

कारम डैम फूटने की दहशत के चलते 18 गांवों के नागरिक जहां खौफ में रहे, वहीं प्रशासन ने ताबड़तोड़ ये गांव खाली करवाए। दिन के बाद कल रातभर ग्रामीण अपना सामान समेटते रहे। ग्रामीणों को चिंता अपने घर-गृहस्थी के सामान की भी रही , हालांकि पुलिस प्रशासन ने सभी को वाहनों में बैठाकर राहत शिविरों तक पहुंचाता रहा । मंत्रियों के साथ अफसरों ने लगातार डेरा डाल रखा है .