Kamika Ekadashi 2023: कल है सावन माह की पहली एकादशी, इस विधि से करें भगवान विष्णु की विशेष पूजा, समस्त पापों से मिलेगी मुक्ति

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Kamika Ekadashi 2023: हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। प्रत्येक वर्ष चौबीस एकादशी होती हैं। जब अधिकमास या मलमास आता है तब इनकी संख्या बढ़कर 26 हो जाती है। अभी मौजूदा समय में चातुर्मास चल रहा है। जो भगवान विष्णु का 4 महीनों के शयन निद्रा का समय है। ऐसे में चातुर्मास में आने वाली कामिका एकादशी का काफी अधिक महत्व माना जाता है। ऐसी हिंदू मान्यता है कि जो भी मनुष्य कामिका एकादशी का उपवास रखता है, उसके समस्त दोषों का नाश होता है और मोक्ष मिलता है। वहीं भगवान शंकर को समर्पित सावन मास भी जारी है। ये सावन मास की सबसे पहली एकादशी तिथि है। इस बार कामिका एकादशी 13 जुलाई को पड़ रही है।

वहीं आपको बता दें कि कामिका एकादशी तिथि 12 जुलाई शाम 5 बजकर 59 मिनट से 13 जुलाई बृहस्पतिवार को संध्याकाल 06 बजकर 24 तक रहेगी। ऐसे में कामिका एकादशी का व्रत 13 जुलाई को रखा जाएगा। वहीं इस एकादशी के सावन माह में पड़ने से शिव भक्तों के लिए इसका अहमियत और भी अधिक बढ़ जाती है। हिंदू मान्यता है कि इस दिन भगवान श्री हरि विष्णु के साथ-साथ भोलेनाथ की उपासना और पूजन करने से सभी मनोकामना पूर्ण होती हैं। साथ ही ऐसा माना जाता है कि जो भी इस दिन उपवास रखता है उसे अश्वमेध यज्ञ के समान वर मिलता है।

कामिका एकादशी व्रत की पूजा विधि

वहीं अब जानिए कामिका एकादशी तिथि की सटीक पूजन विधि जिसमें सबसे पहले सुबह उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर साफ स्वच्छ वस्त्र पहनें। फिर पूरे घर में पवित्र गंगाजल छिड़कें। इसके बाद एक लकड़ी के आसन पर पीला वस्त्र बिछाएं और भगवान श्री हरि विष्णु की मूर्ति,प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें। इसके बाद भगवान श्री हरिविष्णु को पंचामृत, फल, मेवा और मिठाई चढ़ाकर विधि विधान के साथ भगवान नारायण की विशेष पूजा एवं अर्चना करें और व्रत की कथा पढें। पूजा के बाद घर के सदस्यों को भगवान नारयण का प्रसाद देना ना भूलें। पूजा के बीच ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नम: मंत्र का जाप भी अवश्य ही करते रहें।

कामिका एकादशी का पूजा मुहूर्त

पूजा का पहला मुहूर्त- 13 जुलाई सुबह 05 बजकर 32 मिनट से सुबह 07 बजकर 16 मिनट तक

पूजा का दूसरा मुहूर्त- 13 जुलाई सुबह 10 बजकर 43 मिनट से दोपहर 03 बजकर 45 मिनट तक

कामिका व्रत एकादशी को खोलने का समय 14 जुलाई प्रातकाल 5 बजकर 33 मिनट से 8 बजकर 18 मिनट तक होगा

कामिका एकादशी पर न करें ये काम (Devshayani Ekadashi Vrat Rules)

  • कामिका एकादशी पर तुलसी के पौधे में जल न चढ़ाएं। इस दिन विष्णु प्रिय तुलसी माता भी निर्जला व्रत रखती हैं। साथ ही इस दिन तुलसी दल न तोड़े इससे माता लक्ष्मी रुष्ट हो जाती हैं।
  • कामिका एकादशी पर दातुन करना, दूसरे की निंदा करना पाप का भागी बनाता है।
  • कामिका एकादशी चावल का सेवन और अक्षत का दान करना निषेध माना जाता है। ऐसा करने पर अगले जन्म में कीड़े-मकोड़े की योनि में जन्म होता है।
  • इस दिन स्त्री प्रसंग न करें। एकादशी का व्रत दशमी तिथि से शुरू हो जाता है। ऐसे में दशमी तिशि से द्वादशी तिथि तक ब्रह्मचर्य का पालन करें।
  • कामिका एकादशी व्रत में तन के साथ मन की शुद्धता भी रखें। मन में बुरे ख्याल न लाएं, किसी को गलत शब्द न बोलें।