इंदौर : कैलाश जी का अंदाज वाकई अलग है। उनका ये अंदाज और उनका ये आत्मविश्वास ही लोगों के मन में उनकी जगह बनाता है उन्हें नायक बनाता है। पश्चिम बंगाल से लौटकर कैलाश जी ने आज रेसीडेंसी में संभागायुक्त, कलेक्टर, डीआईजी और जन प्रतिनिधियों की बैठक ली।
इस बैठक में उन्होंने हाथों हाथ शहर के लोगों की समस्याओं को जिस ढंग से हल किया उससे एक बार फिर से उनकी विराट क्षमता और सामर्थ्य का परिचय मिला और समस्याएं सुलझाने का जज्बा भी एक बार फिर सामने आया।
अधिकारियों ने उनके सामने ऑक्सीजन की कमी की बात रखी तो कैलाश जी ने तत्काल मीटिंग में ही रिलायंस इंडस्ट्रीज के अनंत अंबानी जी को कॉल किया। उनके प्रयास से रिलायंस इंदौर को अभी तक 60 टन ऑक्सीजन दे रहा था। कैलाश जी ने अनंत जी को फोन पर ही इंदौर के लिए 40 टन और ऑक्सीजन देने के लिए राजी कर लिया। अब रिलायंस के प्लांट से इंदौर को रोज 100 टन ऑक्सीजन मिल सकेगी।
बात यहीं नहीं रुकी ।उनके प्रयास से पीथमपुर से संजय अग्रवाल जी इंदौर को रोज ऑक्सीजन के 1 हजार सिलेंडर निशुल्क दे रहे थे कैलाश जी ने आज उनसे फिर चर्चा की अब वे 1 हजार की जगह रोज 1500 सिलेंडर देंगे। कैलाश जी के एक अन्य मित्र करण मित्तल जी भी कैलाश जी के आग्रह पर 30 टन ऑक्सीजन रोज देने के लिए राजी ही गए है, खास बात ये है कि इसमें से 8 टन लिक्विड ऑक्सीजन है।
इसके बाद बात आई रेमेडिसिवर की। कैलाश जी के प्रयास से मायलेन इंडिया के नरेश जी इंदौर के लिए रोज 1 हजार इंजेक्शन्स भेज रहे थे। आज कैलाश जी ने उन्हें कॉल कर 1 की जगह 2 हजार इंजेक्शन रोज भेजने का आग्रह किया। उन्होंने भी तत्काल इसे स्वीकार कर लिया।
फिर बात मेडिकल सुविधाओं की निकली। कैलाश जी ने अधिकारियों से कहा कि हमें अगले 7 दिन में इंदौर में कोविड के उपचार के लिए 1 हजार अतिरिक्त बेड की व्यबस्था करना है। एमवाय की दो मंजिल, ESI, सेवाकुंज,चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय, गीताभवन और अन्य अस्पतालों में मिलाकर अगले हफ्ते तक 100 आईसीयू बेड सहित 1हजार बेड की व्यवस्था की जाएगी।
प्रायवेट अस्पतालों के मरीजों को रेमेडिसिवर की कमी का मुद्दा उठा तो उन्होने तत्काल स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव मोहम्मद सुलेमान को कॉल किया।अभी तक सरकारी अस्पतालों में रेमेडिसिवर का तीन दिन का स्टॉक रखा जाता था। प्रायवेट और सरकारी अस्पतालों में वितरण के इस असंतुलन को कैलाश जी ने एक झटके में दूर कर दिया। श्री सुलेमान से चर्चा कर उन्होंने इसे तीन दिन की जगह एक दिन का करने का निर्देश जारी करवा दिया।इससे निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों को ज्यादा संख्या में रेमेडिसिवर मिल सकेंगे।आज ही निजी अस्पतालों को 1500 इंजेक्शन जारी भी कर दिए गए।