‘कच्चातिवु द्वीप आधिकारिक तौर पर श्रीलंका का हिस्सा’ PM और विदेश मंत्री के दावों को लेकर श्रीलंका ने दिया जवाब

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बीतें दो-तीन दिनों से देश में कच्छतीवु द्वीप को लेकर राजनीति तेज़ हो गई है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के नेता लगातार कांग्रेस और डीएमके पर कच्छतीवु द्वीप को लेकर हमला बोल रहे है। देश के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कच्चाथीवू मुद्दे पर कहा कि यह कोई ऐसा मुद्दा नहीं है जो आज अचानक उठ गया हो। यह मुद्दा लगातार संसद और तमिलनाडु में उठता रहा है, इस पर बहस हुई है। इस मुद्दे पर मैं वर्तमान मुख्यमंत्री को 21 बार जवाब दे चुका हूं।

‘कच्चातिवु द्वीप आधिकारिक तौर पर श्रीलंका का हिस्सा’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस पर सवाल उठाए है। उन्होंने भी इसका आरोप कांग्रेस पर लगाया है। अब इस पर श्रीलंका के अधिकारीयों ने जवाब दिया है। उन्होंने कहा है कि सही या गलत कच्चातिवु आधिकारिक तौर पर श्रीलंका का हिस्सा है। एक बार सीमा तय हो जाने के बाद कोई भी नई सरकार आकर इसे बदलने के लिए नहीं कह सकती। हालाँकि, कच्चाथिवु को लेकर न तो श्रीलंकाई कैबिनेट में कोई चर्चा हुई और न ही भारत ने इस बारे में कोई बात की है।

‘अगर तमिल लोगों से जोड़ा जा रहा है तो…’

श्रीलंकाई मंत्री थोंडामन ने कहा कि कच्चातिवु को अगर तमिल लोगों से जोड़ा जा रहा है तो सीमा के दोनों ओर तमिल लोग रहते हैं। अगर ये तमिल मछुआरों का मसला है तो कच्चातिवु को इससे जोड़ना ठीक नहीं है। क्योंकि भारतीय मछुआरों के साथ मुद्दा उस जाल को लेकर है जिसका इस्तेमाल वे मछली पकड़ने के लिए करते हैं।