कांग्रेस छोड़ बीजेपी में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया, पीढ़ी दर पीढ़ी जारी है राजनीतिक सफर

Shivani Rathore
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ऐसे कई लोग है जो ज्योतिरादित्य सिंधिया को नहीं जानते हैं, उनके लिए हमने यह लेख ज्योतिरादित्य सिंधिया का जीवन परिचय आप सबके समक्ष प्रस्तुत करने का प्रयास किया है। बता दे कि ज्योतिरादित्य सिंधिया का विवाह 12 दिसंबर 1994 को किया गया था और उनका एक बेटा एवं एक बेटी भी है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता माधवराव सिंधिया बहुत ही लोकप्रिय एवं जनकल्याण वाले स्वभाव के राजनेता हुआ करते थे। ज्योतिरादित्य सिंधिया की एक बहन भी है।

लोकप्रिय नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मुंबई के कैंपियन स्कूल एवं दून स्कूल से की। उन्होंने अर्थशास्त्र विषय से अपनी स्थानक की डिग्री को हासिल किया। इनका पढ़ने में बहुत ही अच्छा स्वभाव रहा है और इसी वजह से यह एक अच्छे स्तर के विद्यार्थी भी रह चुके। ज्योतिरादित्य सिंधिया की दादी भी राजनीती से जुडी हुई थी। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत कांग्रेसी पार्टी से की थी और उन्होंने 1957 में गुना क्षेत्र से लोकसभा सांसद के लिए चुनाव लड़ा था और वे इसमें विजय होकर संसद भी पहुंचने में सफल हुई थी।

बता दें ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने करियर की शुरुआत राजनीतिक क्षेत्र से की थी और इस करियर की और वह उनके पिता की मृत्यु के बाद शुरू हुई थी.बढ़े। तभी से ज्योतिरादित्य सिंधिया जी ने अपने पिताके संसदीय क्षेत्र गुना से उनके स्थान पर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया और वहां की जनता को भी यह निर्णय बहुत ही पसंद आया था। सूत्रों के मुताबिक, ज्योतिरादित्य सिंधिया की 374 करोड़ संपत्ति के मालिक हैं।

वर्ष 2002 में ज्योतिरादित्य सिंधिया जी अपने पिता की मृत्यु के बाद गुना क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए सामने आए। वहीं 2004 में वह एक बार फिर से लोकसभा निर्वाचन में निर्वाचित हुए थे। फिर 2007 में ज्योतिरादित्य सिंधिया को केंद्रीय संचार और सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री के रूप में केंद्रीय मंत्री परिषद के सदस्य के रूप में इनका चुनाव हुआ और 2009 में उनका वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री के रूप में चुनाव हुआ और यह एक बार फिर से तीसरी बार लोकसभा चुनाव में विजई बनकर गुना क्षेत्र में उभर के आए थे। इसके अतिरिक्त वर्ष 2012 में ज्योतिरादित्य सिंधिया विद्युत राज्यमंत्री के रूप में उभर के सामने आए थे। वहीं \2013 में वह मध्य प्रदेश से अभियान समिति के प्रमुख के रूप में चुने गए थे।