केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आज सुबह हेलीकॉप्टर से जिले के बाढ़ग्रस्त इलाकों का हवाई सर्वे किया। ऐसे में उन्होंने बताया कि पिछले 50-60 साल में कभी हमारे संभाग में ऐसी स्थिति निर्मित नहीं हुई। बाढ़ में प्रदेश के करीब 55 हजार लोग प्रभावित हुए। 29 हजार के करीब लोगों की जान बचाई गई। अब इस युद्ध को हमें तीन भागों में बांटना है।
जानकारी के मुताबिक, सिंधिया ने हेलीपेड स्थल शहर के नेहरू डिग्री कॉलेज में अधिकारियों के साथ बैठक भी की। इस बैठक में उन्होंने कहा कि इस तरह का अनुमान नहीं था कि इतनी बारिश हो जाएगी। अशोकनगर जिले में पिछले साल की तुलना में अब तक 160 फीसद अधिक बारिश हो चुकी है। बारिश के कारण जिलों में भारी नुकसान हुआ है। आगे उन्होंने बताया कि फसल के नुकसान का भी अनुमान किया जाना चाहिए। सोयाबीन को काफी नुकसान हुआ है।
इस नुकसान को दो खंड में विभाजित करेंगे, जो कि बजट में हम राज्य और केंद्र सरकार से स्थिति ठीक करने के लिए ले सकते हैं। इस बैठक में सिंधिया के साथ यहां जिले के प्रभारी मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया, पीएचई राज्यमंत्री बृजेंद्र सिंह यादव, सांसद डॉ. केपी यादव, भाजपा जिला अध्यक्ष उमेश रघुवंशी, अशोकनगर विधायक जजपाल सिंह जज्जी समेत कलेक्टर अभय वर्मा, एसपी रघुवंश सिंह भदौरिया आदि मौजूद थे।
तीन भाग में सिंधिया ने बनाया प्लान –
पहला भाग –
जितने हमारे तालाब हैं, नदियां हैं, बांध हैं, उसमें जलस्तर का मूल्यांकन हर दो घंटे में करना होगा। उसके साथ-साथ मौसम का अनुमान भी तालाब, नदियों पर मैप करना है। संभाग के आठों जिलों की मैपिंग करके इसे ग्वालियर कंट्रोल रूम से वॉच करना है।
दूसरा भाग –
जो व्यक्तिगत क्षति हुई है, उसकी भरपाई करने के लिए हमारी रणनीति तैयार होनी चाहिए। पहले आकलन हो कि कितने लोग बेघर हुए, कितने लोगों को अन्न पहुंचाना है। एक-एक करके उन सभी चीजों का आकलन होना चाहिए और डैशबोर्ड पर डालकर किस तरह से उसकी भरपाई कर रहे हैं, उसकी मॉनीटरिंग होना चाहिए। स्वास्थ्य के शिविर आयोजित होना चाहिए। आज से शिविर लगना शुरू हो जाएं। क्योंकि बाढ़ के बाद पहली कठिनाई महामारी की आती है। हम नकदी का इंतजार न करें। घरों का नुकसान, घरों में वापस स्थापित करना, खान-पान अन्न का इंतजाम। बिजली जिन गांवों में कट गई है, वहां स्टडी करके ही बिजली ऑन-ऑफ करें। रिपोर्ट आ रही हैं कि कई हैंडपंप, ट्यूबवैल में गंदा पानी आ रहा है। इनकी सफाई का प्लान बनाया जाए।
तीसरा भाग –
बाढ़ के कारण जिले में हुए सड़क, पुल, तालाब, डैम आदि के नुकसान का आकलन करना है। जैसे कि अशोकनगर-विदिशा मार्ग, घाट बमुरिया की सड़क, चंदेरी-ललितपुर का आवागमन बंद है। नयाखेड़ा बांध चंदेरी में टूट गया है। इन सभी चीजों का आंकलन किया जाए। राज्य सरकार व केंद्र सरकार कैसे पूर्ति कर पाएं, इसकी रणनीति बनाएं।