Uttarkashi Tunnel Collapse: उत्तराखंड के सिल्क्यारा सुरंग में अभी भी राहत और बचाव का कार्य चल रहा है। बचाव में जुटे विशेषज्ञों की टेलीस्कोपिक विधि से सुरंग में मजदूरों को निकलने के लिए पाइप डालने के दौरान लगभग 22 से 45 मीटर के बीच बाधा आने की वजह से मजदूरों को बाहर नहीं निकाल पाए। इस दूरी में 2 बार ड्रिलिंग रोकी गई। इसकी वजह दोनों बार मशीनों के सामने लोहे की मोटी राड आई थी।
बीते गुरुवार की शाम तक भी मजदूरों को बाहर नहीं निकाला जा सका। हालांकि, पहले ये उम्मीद थी कि श्रमिकों को बुधवार या गुरुवार की शाम तक सुरंग में से बाहर निकाल लिया जाएगा। जानकारी के मुताबिक बताया जा रहा है कि मजदूरों को बाहर निकालने के लिए अब लोहे की इन राड को काटने के बाद ही पाइप के आगे जाने का रास्ता बनाया जा रहा है। ताकि मजदूरों को सुरंग से बाहर निकालने वाले स्ट्रेचर को आसानी से पाइप में से गुजारा जा सके।
दरअसल, सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए बचाव कार्यों में जुटी एजेंसियों ने पहले यहां से 900 mm के पाइप डाले गए थे। इसमें एक पाइप की लंबाई लगभग 6 मीटर है। सुरंग में ये 4 ही पाइप डाले गए थे जिसकी वजह से 17 नवंबर को कार्य को रोक देना पड़ा था। इसके बाद इन्हीं 900 mm के पाइप के अंदर से टेलीस्कोपिक से 800 mm के पाइप डालकर ड्रिलिंग का निर्णय लिया गया। ये काम मंगलवार को प्रारंभ हुआ था।
प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार और उत्तराखंड सरकार में OSD भास्कर खुल्बे ने कहा है कि कार्य अपनी चरम सीमा पर है और ये उम्मीद है कि जल्द ही मजदूरों तक पाइप पहुंचा दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस सुरंग को पहले पानी से अच्छी तरह धोया जाएगा, ताकि इसमें लगी मिट्टी और पत्थर साफ हो जाएं। इसके बाद इसमें स्ट्रेचर के जरिए मजदूरों को आसानी से बाहर निकाल लिया जाएगा।