नई दिल्ली: कोरोना काल में सभी स्कूल-कॉलेज बंद है। सरकार स्कोल-कॉलेज खोलने की मंजूरी कब देती है, इसकी तो अभी जानकारी नहीं है लेकिन बच्चों को तंदरुस्त रखने के लिए सरकार ने तैयारी कर ली है। अब देश के किसी भी स्कूल में जंक फ़ूड नहीं मिलेगा। सूत्रों के मुताबिक़ स्कूल फूड को लेकर फूड रेगुलेटर FSSAI रेगुलेशन तैयार कर चुका है। इसे अगले कुछ दिनों के अंदर जारी कर दिया जाएगा।
स्कूली बच्चों के लिए सुरक्षित और पौष्टिक भोजन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एफएसएसएआई ने खाद्य सुरक्षा और मानक विनियम, 2020 पर एक महत्वपूर्ण नियम को अंतिम रूप दिया है। स्कूल कैंपस के 50 मीटर तक जंक फूड के एडवरटीजमेंट नहीं लग सकेंगे। हर स्कूल कैंटीन को लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा। राज्यों से इन एडवायजरी कमेटी बनाने के लिए कहा जाएगा जो स्कूलों के खानपान पर नजर रखेंगे।
FSSAI ने स्कूलों में बच्चों को बेचे जाने वाले खाने के लिए दस-सूत्री चार्टर का प्रस्ताव दिया है:
- स्कूलों में मिड डे मील या कैंटीन में खाना देने वाले व्यक्ति या संस्था को खुद को FBOs के रूप में रजिस्टर कराना होगा और इसके लिए लाइसेंस लेना होगा। उन्हें खाद्य सुरक्षा मानकों के अंतर्गत सफाई और हाइजिन के नियमों का पालन करना होगा।
- स्कूल के कैंपस के 50 मीटर के दायरें में जंक फूड, यानी ऐसे खाद्य पदार्थ जिनमें ज्यादा नमक , शुगर या फैट है, की बिक्री पर रोक होगी।
- स्कूली बच्चों के बीच सुरक्षित भोजन और संतुलित आहार को बढ़ावा देने के लिए स्कूल कैंपस को ईट राइट कैंपस में बदलने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
- राष्ट्रीय पोषण संस्थान (एनआईएन) द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार स्कूल में सुरक्षित और संतुलित आहार के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। समय-समय पर बच्चों के लिए मेनू की तैयारी में सहायता करने के लिए स्कूल प्राधिकरण आहार विशेषज्ञों की सहायता ले सकते हैं।
- स्कूल के प्रवेश द्वार पर कैंपस में और इसके आस पास जंक फूड ना बेचने की चेतावनी लिखी होगी।
- स्कूल प्राधिकरण यह सुनिश्चित करेगा कि परिसर में तैयार भोजन की आपूर्ति करने वाले FBO, खाद्य सुरक्षा के नियमों के अनुसार काम कर रहे हैं।
- स्कूल परिसर और इसके 50 मीटर के दायरे में जंक फूड के विज्ञापन पर रोक होगी।
- स्कूलों में हेल्थ औऱ वेलनेस एंबेस्डर बनाए जाएंगे।
- नगर निगम,स्थानीय निकाय या पंचायत जैसी संस्थाएं और राज्य खाद्य प्राधिकरण इन नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करेंगी।
- राज्य स्तरीय सलाहकार समिति इन नियमों के कार्यान्वयन की निगरानी रखेगी।