सावन के बाद भाद्रपद मास के कृष्ण अष्टमी तारीख का बड़ा महत्व है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि को कृष्ण जन्म उत्सव के रूप में मनाया जाता है। गोपाल के भक्तों को जन्माष्टमी पर्व का काफी इंतजार रहता है। हिंदू पंचांग के मुताबिक पवित्र पर्व दो दिन मनाया जाता है। इस साल श्री कृष्ण जन्माष्टमी 30 अगस्त और 31 अगस्त को मनाई जाएगी। आज हम इस वर्ष जन्माष्टमी के अवसर पर बनने जा रहे दुर्लभ संयोग के बारे में जानते हैं और इस दौरान व्रत करने का फल किस प्रकार से आपको प्राप्त होगा इस बारे में भी जानते हैं।
बन रहा खास संयोग
जानकारी के मुताबिक, इस साल जन्माष्टमी का पर्व 30 अगस्त 2021 दिन सोमवार को दस्तक देने जा रहा है। यह समय बेहद ही खास रहने वाला है क्योंकि इस अवसर पर 6 तत्वों का एक साथ मिलना बहुत ही दुर्लभ होता है। बता दे, इन 6 तत्वों की अगर बात करें तो यह भाद्र कृष्ण पक्ष, अर्धरात्रि कालीन अष्टमी तिथि, रोहिणी नक्षत्र, वृष राशि में चंद्रमा, इनके साथ सोमवार या बुधवार का होना।
मान्यताओं के अनुसार, ये सारे तत्व 30 अगसत को मौजूद रहेंगे। दरअसल, सोमवार के दिन अष्टमी होने की वजह से सुबह से ही अष्टमी तिथि व्याप्त रहने वाली है। वहीं रात में 12ः14 बजे तक अष्टमी तिथि व्याप्त रहेगी। ऐसे में इस साल नवमी तिथि भी लग रही है। चंद्रमा की स्थिति पर अगर नजर डालें तो यह वृष राशि में मौजूद है। बता दे, इन सभी संयोग की वजह से इस बार की अष्टमी बहुत ही खास रहने वाली है।
ऐसे उठाए इस संयोग का लाभ –
जानकारी के अनुसार, बहुत सालों बाद ये संयोग जन्माष्टमी के पावन पर्व पर बन रहा है। ऐसे में निर्णय सिंधु नामक ग्रंथ के मुताबिक, ऐसा संयोग जब जन्माष्टमी पर बनता है, तो इस दिन को ऐसे ही गवाना नहीं चाहिए। जी हां, इस तरह के संयोग में अगर आप व्रत करते हैं तो 3 जन्मों के जाने-अनजाने हुए पापों से मुक्ति मिलती है। जो लोग इस संयोग में व्रत रखेंगे तो व्रत करने से प्रेत योनी में भटक रहे पूर्वजों को भी मनुष्य व्रत के प्रभाव से मुक्त करवा लेता है।