जमनाबाई नरसी स्कूल ने जीता “I CAN” स्कूल चैलेंज का पहला संस्करण

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5 मार्च, 2022, मुंबई:1971 में स्थापित हुए, मुंबई के सबसे पुराने स्कूलों में से एक जमनाबाई नरसी स्कूल ने जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने वाले विचारों को खोजने के लिए अदाणी समूह द्वारा आयोजित एक स्कूल स्तर की राष्ट्रीय प्रतियोगिता #ican स्कूल चैलेंज अपने नाम किया है। ‘क्लीनर फ्यूचर’ की थीम पर आयोजित हुई इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता के पहले एडिशन को जीतने के लिए देशभर के लगभग 240 स्कूलों द्वारा 50 बीट 748 आइडिया पेश किए गए।

पवार पब्लिक स्कूल, भांडुप, और अंजुमन-ए-इस्लाम के मुस्तफा फकीह उर्दू हाई स्कूल, इस राष्ट्रीय प्रतियोगिता में दूसरे व तीसरे स्थान पर रहे, जिसे संयुक्त राष्ट्र चैंपियंस ऑफ अर्थ अवार्डी, एडवोकेट अफरोज शाह, मिशन ग्रीन मुंबई के संस्थापक और वाटर हीरो 2019 अवार्डी सुभाजीत मुखर्जी, और अदाणी ग्रुप हेड ऑफ सस्टेनेबिलिटी एंड क्लाइमेट चेंज प्रो अरुण शर्मा के एक प्रतिष्ठित पैनल ने जज किया।

अदाणी ग्रुप के हेड सस्टेनेबिलिटी एंड क्लाइमेट चेंज, प्रो. अरुण शर्मा ने कहा, “भविष्य में ग्लोबल क्लाइमेट क्राइसिस के खिलाफ सबसे बड़ी जंग लड़ी जाएगी।” “आज के बच्चे वह पीढ़ी होंगे जो उन लड़ाइयों का नेतृत्व करेंगे और लड़ेंगे। हमें #ican स्कूल चैलेंज जैसी राष्ट्रीय पहलों का नेतृत्व करने के लिए खुश हैं। मेरा मानना ​​है कि इस तरह की प्रतियोगिताएं हमारे यंग चेंज एजेंट्स को इस बारे में गहराई से सोचने के लिए प्रोत्साहित करेंगी, कि वे अपना और देश का भविष्य कैसे सुरक्षित कर सकते हैं।”

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जूरी के सदस्य एडवोकेट अफरोज शाह ने कहा कि “हमने आज भी बहुत से यंग लीडर्स को देखा है। हर छोटा बच्चा कुछ न कुछ अलग लाता है जो राष्ट्र निर्माण में मदद कर सकता है।” जूरी सदस्य सुभाजीत मुखर्जी ने कहा, “इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाला प्रत्येक बच्चा विजेता है।” उन्होंने यहां जो शानदार नवाचार प्रस्तुत किए, वे इस बात का प्रमाण हैं कि भारत में युवा इको-चैंपियनों की कोई समस्या नहीं है। #ican स्कूल चैलेंज जैसी पहल देश को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता को दर्शाता है कि हमारी अगली पीढ़ी क्लाइमेट चेंज मिटिगेशन पर केंद्रित रहे।

जमनाबाई नरसी स्कूल को 1.5 लाख रुपये का शीर्ष पुरस्कार जिताने वाला यह आईडिया एमआईटी ऐप इन्वेंटर प्लेटफार्म पर बनाया गया एक बेहतरीन ‘हाउस-होल्ड इन्वेंटरी मैनेजमेंट सिस्टम’ था, जिसका उद्देश्य अपशिष्ट उत्पादन और वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करना था। पवार पब्लिक स्कूल, भांडुप, और अंजुमन-ए-इस्लाम के मुस्तफा फकीह उर्दू हाई स्कूल, जिन्होंने अपने दूसरे और तीसरे स्थान के लिए 1 लाख रुपये और 50,000 रुपये जीते, उन्होंने क्रमशः अपशिष्ट हीट का दोहन करने और इसे उद्देश्यपूर्ण व भविष्य के उपयोग के लिए एलईडी टीईजी बनाने के लिए समाधान के रूप में प्रस्तावित किया। जबकि फ्यूचर फॉरवर्ड ‘जीरो वेस्ट स्कूल’ को प्लास्टिक और ई-कचरे की मात्रा को व्यवस्थित रूप से कम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

प्रतियोगिता में भाग लेने वाले स्कूलों से क्लाइमेट मिटिगेशन आइडियाज के अंतर्गत ‘एनर्जी एफिशिएंसी के लिए वर्चुअल ऑपरेटिंग सिस्टम, मल्टी-पर्पस इकोब्रिक्स और एक ‘वर्टिकल फार्मिंग’ समाधान के तौर पर लिया गया, जो कुशल स्पेस यूटिलाइजेशन एवं वर्ष के दौरान ताजा उपज की उपलब्धता के मूल तत्व को समझने का प्रयास किया है। यहां तक कि टिकाऊ पर्यावरणीय प्रथाओं के लिए अपशिष्ट निर्माण को कम करने हेतु खाद्य कटलरी से सम्बंधित आईडिया भी शामिल था। आईआईटी मुंबई के पूर्व छात्रों ने देशभर के स्कूलों द्वारा भेजी गई सैकड़ों इंट्रीज में से ग्रैंड फिनाले के लिए 50 विचारों को शॉर्टलिस्ट करने में मदद की।

अदाणी ग्रुप के बारे में

भारत में अहमदाबाद मुख्यालय के साथ अदाणी समूह भारत में विविध व्यवसायों का सबसे बड़ा और सबसे तेजी से बढ़ने वाला पोर्टफोलियो है, जिसमें लॉजिस्टिक्स (बंदरगाह, हवाई अड्डे, रसद, शिपिंग और रेल), संसाधन, बिजली उत्पादन और वितरण, अक्षय ऊर्जा, गैस और इंफ्रास्ट्रक्चर, एग्रो (वस्तुएं, खाद्य तेल, खाद्य उत्पाद, कोल्ड स्टोरेज और अनाज साइलो), रियल एस्टेट, सार्वजनिक परिवहन अवसंरचना, उपभोक्ता वित्त और रक्षा, एवं अन्य क्षेत्र शामिल हैं। अदाणी ने अपनी सफलता और नेतृत्व की स्थिति का श्रेय ‘राष्ट्र निर्माण’ और ‘अच्छाई के साथ विकास’ के अपने मूल दर्शन को दिया है – जो सतत विकास के लिए एक मार्गदर्शक सिद्धांत है। समूह स्थिरता, विविधता और साझा मूल्यों के सिद्धांतों के आधार पर अपने सीएसआर कार्यक्रमों के माध्यम से पर्यावरण की रक्षा और समुदायों में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है। अधिक जानकारी www.adani.com पर संपर्क करें।