जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के साथ हुए पिछले 3 दिनों में 2 एनकाउंटर में 3 अफसर और 2 जवान शहीद हो गए हैं। एक जवान लापता है, और सुरक्षा बलों के साथ खोज जारी है।
आतंकी हमलों का इतिहास
कश्मीर में यह आतंकी हमला पिछले तीन साल के अंदर सबसे बड़ा हमला साबित हुआ है, जिसमें भारत देश को इतने बड़े अफसरों की शहादत उठाना पड़ी है। हमले के दौरान, आतंकी गोलीबारी की गई, जिससे अफसरों की शहादत हो गई।
अनंतनाग में मुठभेड़
बुधवार (13 सितंबर) को अनंतनाग में मुठभेड़ के दौरान सेना के कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष ढोंचक और कश्मीर पुलिस के DSP हुमायूं भट शहीद हो गए। एक जवान लापता है, और खोज जारी है।
लश्कर-ए-तैयबा का जिम्मेदार
आतंकी हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े प्रतिबंधित संगठन रेजिस्टेंट फ्रंट ने ली है। पुलिस ने कहा है कि लश्कर के 2 आतंकी अनंतनाग में छिपे हैं, जिन्हें सेना ने घेर लिया है।
राजौरी में एनकाउंटर
वहीं, सोमवार (11 सितंबर) की रात को शुरू हुए एनकांउटर में राजौरी में सेना ने 2 आतंकी मार गिराए, जबकि राइफलमैन रवि कुमार शहीद हो गए थे।