भारत को ‘ज़ेनोफोबिक’ कहने पर जयशंकर ने बिडेन को दिया करारा जवाब, कहा- ‘भारत एक अनोखा देश’

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बिडेन को जवाब देते हुए और भारत पर उनकी टिप्पणियों को खारिज करते हुए, जयशंकर ने कहा है कि भारतीय समाज दुनिया के इतिहास में बहुत खुला रहा है। विदेश मंत्री जयशंकर द्वारा बिडेन की ‘ज़ेनोफोबिया’ वाली टिप्पणी पर भारत के नागरिकता संशोधन अधिनयम को रखते हुए भारत को सही बताया।

ईटी राउंडटेबल में बोलते हुए, जयशंकर ने कहा, हमारी अर्थव्यवस्था लड़खड़ा नहीं रही है… भारत हमेशा से है… भारत एक बहुत ही अनोखा देश रहा है… मैं वास्तव में कहूंगा, दुनिया के इतिहास में, यह एक ऐसा समाज रहा है जो बहुत खुला रहा है… विभिन्न समाजों से अलग-अलग लोग भारत आते हैं। जयशंकर ने CAA का हवाला देते हुए कहा, यही कारण है कि हमारे पास CAA है, जो मुसीबत में फंसे लोगों के लिए दरवाजे खोलने के लिए है… मुझे लगता है कि हमें उन लोगों के लिए खुले रहना चाहिए जिन्हें भारत आने की जरूरत है।

बिडेन ने क्या कहा था?

बिडेन ने शुक्रवार को आप्रवासियों की अमेरिकी स्वीकृति की सराहना की और कहा कि यह “ज़ेनोफोबिक” देशों का उदाहरण लेते हुए इसके आर्थिक विकास का कारण था, जो आर्थिक रूप से इतनी बुरी तरह से रुके हुए हैं। उन्होंने जिन देशों का नाम लिया उनमें से एक भारत था।

हमारी अर्थव्यवस्था के बढ़ने का एक कारण आप और कई अन्य लोग हैं, क्यों? क्योंकि हम आप्रवासियों का स्वागत करते हैं। जो बिडेन ने वाशिंगटन में एक कार्यक्रम में कहा, चीन आर्थिक रूप से इतनी बुरी तरह क्यों रुक रहा है, जापान को परेशानी क्यों हो रही है, रूस क्यों परेशान है, भारत क्यों परेशान है, क्योंकि वे ज़ेनोफ़ोबिक हैं। वे अप्रवासी नहीं चाहते। लेकिन हमे अप्रवासी ही मजबूत बनाते हैं।