विदेशों में भारत के प्रति आंकलन ठीक हो यह दायित्व हमारा हैः डॉ. सहस्त्रबुद्धे

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भोपाल। 7 जुलाई मंगलवार ।

विश्व हमारा परिवार है। हमारी भूमिका सदैव वसुदैव कुटुम्बकम की रही है। सौम्य सम्पदा का चिंतन केवल संस्कार नही हमारे समाज का कार्य है। विदेशों में भारत के प्रति आंकलन ठीक हो यह दायित्व हमारा है। हमें अपने वाणी और विचार के माध्यम से भारत को लेकर विश्व समुदाय का ज्ञान बढाना है।
यह बात भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, प्रदेश संगठन प्रभारी डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे ने मंगलवार को पुस्तकालय विभाग में स्वाध्याय मण्डल को संबोधित करते हुए कही

उन्हांने कहा कि केन्द्र में मोदी सरकार सत्तारूढ़ होने के पश्चात भारतीय सांस्कृतिक विरासत के प्रचार प्रसार और सौम्य सम्पदा के अन्तर्गत कई कार्य किए है। केन्द्र सरकार ने 21 जून को विश्व योग दिवस के रूप में विश्व में पहुंचाने का कार्य किया है। वैदिक काल के साहित्य और अविष्कारों का विदेशों में गहन अध्ययन हो रहा है। हमारी संस्कृति, पुरातत्व कलाएं शोध का महत्वपूर्ण अंग है। यहां तक की भारतीय भोजन की विविधताएं देश की विभिन्न क्षेत्रों की जलवायु के अनुसार वैज्ञानिक दृष्टि से सटीक है।

डॉ. सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि विश्व के कोने-कोने में भारतीय संस्कृति का परिचय, आकलन और भारतीय संस्कृति के प्रति एक कौतुहल होता है, उसका समाधान इंडियन काउंसिल फॉर कल्चरल रिलेशन्स के माध्यम से लगभग विगत 70 सालों में बहुत कुछ काम हुआ है। उन्हांने कहा कि भारत की प्राचीन ज्ञान परम्परा के अंग जैसे आयुर्वेद, योग, विभिन्न कलाएं, परम्परा, संस्कृति, इतिहास और हमारे प्राचीन ग्रन्थों एवं मनीषियों को विश्व पटल पर सम्मान मिला है इसे और विस्तारित करने की महती आवश्यकता है। कार्यक्रम का संचालन ग्रंथालय विभाग के प्रभारी श्री अनिल सप्रे ने किया।