इंदौर : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि सबके जीवन में खुशहाली लाने के उद्देश्य से राज्य सरकार निवेश और उद्योगों को प्रोत्साहित कर रही है। उद्योगों में संसार को चलाए रखने, वित्तीय प्रबंधन को प्रोत्साहित करने और सभी को अन्न और रोजगार उपलब्ध कराने की क्षमता है। रीजनल इंडस्ट्री कांक्लेव-2024 का समापन प्रदेश को बेहतर भविष्य की संभावनाओं की ओर ले जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव रीजनल इंडस्ट्री कांक्लेव 2024 के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे। केंद्रीय कानून एवं न्याय, संस्कृति तथा संसदीय कार्य राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन मेघवाल ने भी संबोधित किया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के संतुलित और न्याय संगत औद्योगिक विकास के लिए क्षेत्रीय इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव का आरंभ किया गया है। इस प्रकार के इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव प्रदेश के अन्य स्थानों पर भी आयोजित किए जाएंगेl इस पहल से निवेशकों को प्रदेश से जुड़ने का अवसर मिलेगा, निवेशक प्रदेश के प्रमुख स्टेक होल्डर्स के साथ जुड़कर, संसाधनों के बारे में जानकारी प्राप्त कर औद्योगिक विकास और संवर्धन को प्रोत्साहित करेंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सम्राट विक्रमादित्य और राजा भोज के शासन संचालन के प्रतिमानों का अनुसरण करते हुए राज्य सरकार जवाबदेह, पारदर्शी, संवेदनशील शासन संचालन व्यवस्था स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है। निवेश संवर्धन और उद्योग प्रोत्साहन के लिए डायनेमिक नीतियों के साथ ही आवश्यक अधोसंरचनात्मक व्यवस्था और कच्चे माल की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है।
केंद्रीय राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में आम आदमी के लिए कानूनी सुगमता की आवश्यक व्यवस्थाएं की जा रही है। कई गैर-जरूरी कानूनों को समाप्त किया गया है और जन विश्वास बिल लोकसभा में पास कराया गया है। उन्होंने तकनीकी प्रादुर्भाव का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत उद्योग 4.0 के युग में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में दुनिया में सिरमौर बनेगा। स्वामी विवेकानंद की भविष्यवाणी के अनुसार भारत विश्व को आध्यात्मिक के साथ आर्थिक नेतृत्व भी प्रदान करेगा और उज्जैन भावी पीढ़ी को दिशा दिखाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में मध्य प्रदेश देश में फ्यूचर रेडी राज्य के रूप में उभर रहा है।
समापन सत्र में इप्का लैबोरेट्री के अजीत कुमार ने कहा कि उनके उद्योग समूह की 7 इकाइयां मध्यप्रदेश में संचालित हैं। अगले 2 साल में 1100 करोड़ के निवेश की योजना है। प्रोएक्टिव एडमिनिस्ट्रेशन और संवेदनशील शासन व्यवस्था के परिणाम स्वरूप प्रदेश में औद्योगिक इकाइयों के संचालन में कभी कोई समस्या नहीं आई। प्रदेश में पर्याप्त शिक्षित और प्रशिक्षित मानव संसाधन की उपलब्धता ने इकाइयों के संचालक को सुगम बनाया है। समापन सत्र को शक्ति पम्प्स के दिनेश पाटीदार ने भी संबोधित किया।
प्रमुख सचिव राघवेंद्र सिंह ने रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। कमिश्नर तथा सचिव एमएसएमई पी.नरहरि ने कहा कि निवेशकों तथा उद्योग समूह से प्राप्त सुझावों पर राज्य सरकार तेजी से काम करेगी और राज्य में भविष्य की चुनौतियों और संभावनाओं के दृष्टिगत आवश्यक व्यवस्था उपलब्ध कराई जाएगी।