इंदौर : भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान बैंको से होने वाले संदेहास्पद लेन-देन की जानकारी जिला निर्वाचन कार्यालय और नोडल अधिकारी व्यय अनुवीक्षण को देना अनिवार्य है। अपर कलेक्टर एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी राजेन्द्र रघुवंशी ने बताया कि निर्वाचन प्रक्रिया निष्पक्ष एवं पारदर्शी रूप से संपन्न कराने हेतु आयोग के निर्देशानुसार बैंकों से असामान्य एवं संदेहजनक राशि के लेन-देन की जानकारी देना अनिवार्य है।
उन्होंने बताया कि इस संबंध में लीड बैंक मैनेजर और प्रबंधक संभागीय भारतीय जीवन बीमा निगम को निर्देशित किया गया है कि निर्वाचन अवधि के दौरान बैंकों से एक लाख रूपये से अधिक की असामान्य एवं संदेहजनक राशि की निकासी या बैंक खाते में जमा करने संबंधी जानकारी, एक बैंक खाते से विभिन्न व्यक्तियों के खाते में राशि का असामान्य रूप से अंतरण, अभ्यर्थियों या उनकी पत्नी या उनके आश्रितों, जैसा कि अभ्यर्थियों द्वारा दाखिल किये गये शपथ पत्र में उल्लेखित है और जो मुख्य निर्वाचन अधिकारियों की वेबसाईट पर उपलब्ध है, के बैंक खाते में एक लाख रूपये से अधिक की नकद राशि जमा करना या निकालना, राजनैतिक दल के खाते से एक लाख से अधिक की नकद राशि की निकासी या जमा करने की जानकारी, अन्य कोई संदेहजनक नकद लेन-देन, जिसे निर्वाचकों को रिश्वत देने के लिए प्रयोग किया जा सकता है, साथ ही संव्यवहार राशि 10 लाख रूपये से अधिक हो, तो उसकी जानकारी आयकर विभाग को दी जाना सुनिश्चित करेंगे। इसके साथ ही उक्त जानकारी जिला निर्वाचन अधिकारी एवं नोडल अधिकारी व्यय अनुवीक्षण को प्रतिदिन भेजने के निर्देश दिए गये हैं।