अभी पूरा देश कोरोना वायरस की दूसरी लहर से निपटने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा रहा है, लेकिन अभी से ही कोरोना के तीसरी लहर के संकेतों को लेकर केंद्र और राज्य सरकारें चिंतित हो गई हैं. तीसरी लहर से निपटने के लिए अभी से तैयारियां भी शुरू हो गई हैं. बिहार में सभी पीएचसी में पांच-पांच बेड का आइसोलेशन सेंटर बनाया जाएगा और जरूरी सामानों की खरीद भी की जा रही है, ताकि ग्रामीण इलाके के लोगों को इस संकट की घड़ी में स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जा सकें.
पटना जिले के ग्रामीण इलाकों में 23 पीएचसी हैं, जिसमें पांच- पांच बेड का आइसोलेशन सेंटर बनाने की तैयारी भी शुरू है. इसके लिए ऑक्सीजन सिलिंडर, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, पल्स ऑक्सीमीटर, बेड, एंबुलेंस और अन्य जरुरत के सामान की खरीद की जायेगी.
इसके साथ ही सभी ग्रामीण इलाकों में स्थित प्राथमिक अस्पताल में पहले चरण में आइसोलेशन वार्ड बनाया जायेगा और फिर उसे अपग्रेड कर उसमें आइसीयू बेड और वेंटिलेटर की व्यवस्था की जायेगी. कोरोना की तीसरे लहर आने की जो संभावना जतायी जा रही है, उसमें काफी कम समय है. इसके कारण किसी भी ग्रामीण इलाके के पीएचसी को तुरंत ही बेहतर अस्पताल बनाना संभव नहीं है. इसलिए पहले चरण में आइसोलेशन सेंटर बनाया जा रहा है, ताकि वैसे मरीज जिनके ऑक्सीजन लेबल 90 से 93 के बीच हो तो उन्हें भर्ती कर उनका इलाज हो और उनका सही ऑक्सीजन लेवल वापस आ सके. अगर इसके बावजूद भी उनका ऑक्सीजन लेवल सही नहीं होता है और 90 के नीचे आयेगा तो एंबुलेंस से पीएमसीएच, एनएमसीएच, एम्स व आइजीआइएमएस में भर्ती कराया जायेगा़.