क्या एक छोटा बैग अपने साथ लेकर हवाई यात्रा करना अपराध है? इंडिगो एयर लाइन तो यही मानती है…

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विगत 11 जून 2022 को इंदौर निवासी लेखक और कम्प्यूटर व्यवसायी राजकुमार जैन इंडिगो एयर लाइन से चंडीगढ़ से वाया दिल्ली होकर इंदौर की यात्रा कर रहे थे। उनके पास उनके लेपटॉप बैग के अलावा मात्र एक केबिन बैग (छोटा ब्रीफकेस साइज का ट्रॉली बैग) था जो वो चंडीगढ़ से अपने साथ कैबिन में लेकर दिल्ली जाने के लिए हवाई जहाज में सवार हुए थे। दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पहुंचकर विमान बदलने के लिये टर्मिनल T2 में सिक्युरिटी चेक के उपरांत बोर्डिंग गेट क्रमांक 30 से प्लेन में जाने के लिए बस में चढ़ते समय ग्राउंड स्टाफ की एक महिला कर्मी ने उनको वो छोटा कैबिन बैग अपने साथ ले जाने से रोक दिया। कारण पूछने पर पहले कहा कि हनारे एक ही केबिन बैग की पॉलिसी है या तो लेपटॉप बेग ले जाओ या यह ट्रॉली बेग, दोनों नहीं ले जा सकते।

जब जैन ने बताया कि नियमानुसार एक केबिन बैग और एक लेपटॉप बेग दोनों एकसाथ ले जाये जा सकते है और मैं चंडीगढ़ से दोनों केबिन में ही लेकर आया हूँ, वजन भी बहुत कम है। उनका यह सही तर्क सुनकर तो वो बोली कि हमारा प्लेन पहले से ही ज्यादा सामान से लदा हुआ है और फुल हो चुका है। विमान के ओवरहेड बिन में और सामान के लिए जगह नहीं है, अतः आपको यह बैग छोड़ना ही होगा। उसके बाद ग्राउंड स्टाफ के जबरजस्त जोर देने पर और कोई चारा नही होने से जैन को वो बैग गेट पर ही ग्राउंड स्टाफ के हवाले कर सिर्फ लेपटॉप बेग के साथ बस में सवार होना पड़ा। बस में चढ़ने उपरांत उनको यह देखकर बहुत बुरा लगा कि उनके बाद बस में चढ़ने वाले कई यात्री तीन और अधिक बैग जैसे एक ट्राली बैग, एक लेपटॉप बैग और एयरपोर्ट पर स्थित दुकानों से खरीदे सामानोँ से भरे हुए थैले अपने साथ लिए हुए थे। विमान में बोर्डिंग कम्पलीट होने और प्लेन के दरवाजे बंद होने के बाद जैन द्वारा लिए गए ओवरहेड बिन के चित्र में स्पष्ट देखा जा सकता है कि सभी यात्रियों द्वारा अपना सामान रख देने के बाद भी प्लेन में काफी जगह खाली थी। जैन को समझ में नहीं आया कि उनके साथ ही यह बदसलूकी क्यों की गई ?

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हमारा मानना है कि यह पक्षपात पूर्ण व्यवहार इंडिगो के ग्राउंड स्टाफ की हठधर्मिता दर्शाता है, इंडिगो स्टाफ द्वारा देश के विभिन्न हवाई अड्डों पर यात्रियों के साथ किये जाने वाले दुर्व्यवहार और बदसलूकी के कई के किस्से सामने आने के बाद भी उनके व्यवहार में कोई सुधार नहीं आना कहीं ना कहीं इंडिगो प्रबन्धन की मंशा और मिलीभगत भी दर्शाता है।
इस सम्भावना से भी इनकार नही किया जा सकता कि एयरपोर्ट स्थित दुकानों द्वारा बेचे जा रहे सामान के लिए पर्याप्त जगह बनाने के लिए सामान नहीं खरीदने वाले अन्य यात्रियों के साथ नियमों से परे जाकर बोर्डिंग गेट पर सामान छीनने की यह जबरजस्ती की जा रही है।