सिंचाई की टेंशन होगी कम, गेहूं की कटाई के बाद किसान करें इन फसलों की खेती, मिलेगी बंपर पैदावार

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नई दिल्ली। गेहूं को रवि की फसल कहा जाता है और इस फसल का लगभग देश के सभी राज्यों में उत्पादन होता है। सबसे अधिक गेहूं की फसल मध्यप्रदेश में बोई जाती है। गेहूं की फसल में सबसे अधिक पानी की आवश्यकता पड़ती है। गेहूं की कटाई होने के बाद किसान बारिश के इंतजार में बैठ जाते हैं, क्योंकि गेहूं के बाद गर्मी के मौसम में जमीन का जल स्तर बहुत नीचे चला जाता है बोरिंग और कुओं में पानी कम पड़ जाता है जिसकी वजह से किसान कोई दूसरी फसल का उत्पादन नहीं कर पाता है। वहीं जुलाई और अगस्त में धान की बुवाई करते हैं, लेकिन गर्मी में भी किसान अपने खेतों को खाली रखे बिना खेती कर सकता है। आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से ऐसी फसलों के बारे में बताएंगे जिसमें किसानों को अधिक पानी की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

दरअसल गर्मी के मौसम में जमीन का जलस्तर कम होने की वजह से किसान गेहूं कटाई के बाद खेतों को तैयार कर मानसून के इंतजार में बैठ जाते हैं। बारिश के मौसम में किसान सोयाबीन और धान की खेती करते हैं, लेकिन हम कुछ ऐसी फसलों के बारे में बताने जा रहे हैं। जिसका उत्पादन गर्मी के मौसम में भी किया जा सकता है। इन फसलों का उत्पादन करने के लिए किसानों के पास अधिक पानी की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

मार्च महीने से किसानों की गेहूं की फ़सल की कटाई शुरू हो जाती है। अप्रैल के अंत तक सभी किसान अपने खेतों में गेहूं की कटाई कर लेते हैं। जैसे गेहूं कटाई खत्म होती है वैसे तापमान में भी बढ़ोतरी लगातार होती जाती है। इस समय देखा जाए तो ग्राउंड वाटर काफी नीचे चले जाने की वजह से पानी की किल्लत उत्पन्न हो जाती है। ऐसे में किसानों के पास खेतों में सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध नहीं हो पाता है। इसकी वजह से गर्मी में किसान अपनी फसल को खाली रखते हैं, लेकिन अब किसान गर्मी के मौसम में भी फसलों का उत्पादन कर सकते है।

इन फसलों का कर सकते उत्पादन
किसान भाई अपने खेतों को खाली रखे बिना मई और जून के महीने में हरी सब्जियों की खेती कर सकते हैं। सब्जियों की खेती में अधिक पानी की आवश्यकता नहीं पड़ती है और वहां इन सब्जियों का उत्पादन कर अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं। सब्जियों की खेती करने से धान और गेहूं से भी कम पानी इसमें लगता है। वहीं बाजार में ही सब्जियों की कीमत अधिक मिलती है।

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सबसे पहले हम बात कर लेते हैं बैंगन की : इस फसल में किसानों को अधिक सिंचाई की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। इस फसल की सर्दी और गर्मी दोनों ही सीजन में बंपर पैदावार कर सकते हैं। इसके अलावा बारिश के मौसम में भी इसका उत्पादन किया जा सकता है साथ ही शिमला मिर्च, लौकी, पालक समेत कई खेती शामिल है। जिनमें अधिक पानी की आवश्यकता नहीं पड़ती है।

इसके साथ ही तरबूज भी ऐसी कैसी है जिस में भी अधिक पानी की आवश्यकता नहीं पड़ती है। गर्मी के मौसम में वाटर लेवल कितना ही नीचे चले जाएं कम पानी में तरबूज की खेती की जा सकती है। तरबूज की खेती से अच्छा खासा मुनाफा भी कमाया जा सकता है। इसके साथ ही मेंथा एक औषधीय है जिसकी खेती का अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं। इसकी खेती से दवाइयां बनाई जाती है इस फसल में बारिश के पानी का किसी भी तरह का असर नहीं होता है और कम पानी में इस फसल का उत्पादन किया जा सकता है।

इसके अलावा गेहूं के बाद मूंग और उड़द की फसल का उत्पादन किया जाता है। अभी देखा जाता है कि लोग गर्मियों में भी अपने खेत को खाली नहीं रखते हैं। गर्मी के मौसम में किसान उड़द और मूंग की फसल करते हैं और इससे अच्छा खासा मुनाफा भी कमा रहे हैं। इन दोनों फसलों में भी सिंचाई की कम आवश्यकता पड़ती है।