दिनेश निगम ‘त्यागी’
मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम किसके, संघ-भाजपा-विहिप के या कांग्रेस सहित देश के हर सख्श के। आने वाले समय में इसे लेकर दिलचस्प लड़ाई देखने को मिल सकती है। आमने-सामने होंगे भाजपा और कांग्रेस। विहिप के बैनर तले भाजपा राजनीतिक मुद्दे के तौर पर राम मंदिर के लिए संघर्ष करती रही है। हर चुनाव में यह उसका मुद्दा रहा है। इस लिहाज से उसका हक है कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का श्रेय वह ले। इसके लिए वह पूरी ताकत झोंक रही है। इसीलिए जब कांग्रेस राम और मंदिर की बात करती है, भाजपा के नेता उसे पाखंडी, राम व हिंदुत्व विरोधी ठहराने में कोई कसर नहीं छोड़ते। मजेदार बात यह है कि पहली बार कांग्रेस इस मसले पर बचाव की मुद्रा में दिखने की बजाय भिड़ने के मूड में है। वह राम मंदिर निर्माण में अपनी भूमिका सिद्ध करने में लग गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन के दौरान जितना राममय वातावरण भाजपा और संघ खेमे में है, कांग्रेस में उससे कम नहीं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने राम मंदिर को उप चुनावों में मुख्य मुद्दा बनाने की तैयारी कर ली है। साफ है, कांग्रेस की कोशिश अब भाजपा को चुनावों में इसका लाभ न लेने देने की है। राम मंदिर आंदोलन से जुड़ी रहीं साध्वी उमा भारती के कथन ‘भगवान श्री राम भाजपा की बपौती नहीं’ और सुब्रमण्यम स्वामी के यह कहने से कांग्रेस को ताकत मिली है कि ‘राम मंदिर निर्माण का श्रेय राजीव गांधी, नरसिंहराव एवं अशोक सिंहल को जाता है, अन्य किसी को नहीं।’
0 कांग्रेस के रुख से संघ-भाजपा हैरान…
– कांग्रेस की कोशिश यह बताने की है कि उसने कभी राम मंदिर का विरोध नहीं किया। प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा है कि भगवान राम सबके हैं और हर सख्त के दिल में हैं। उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का स्वागत किया है। उमा भारती के कथन, ‘राम भाजपा की बपौती नहीं, वे सबके हैं’ से कांग्रेस को ताकत मिली है। भाजपा की आलोचना के केंद्र में रहने वाले पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने उमा का कथन ट्वीट कर धन्यवाद दिया है। बहरहाल, राम मंदिर के भूमिपूजन के एक दिन पहले से कांग्रेस ने उप चुनावों में अयोध्या में राम मंदिर को अपना मुख्य मुद्दा बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। कांग्रेस के इस रुख से संघ खासकर भाजपा हैरान है। भाजपा को उम्मीद नहीं थी कि कांग्रेस मुस्लिम वोटों की परवाह छोड़कर इस तरह खुलकर मंदिर निर्माण के समर्थन में मैदान में उतर जाएगी।
0 तर्क के साथ भाजपा को जवाब देने की कोशिश…
– कांग्रेस ने राम मंदिर निर्माण का विरोध भले कभी न किया हो लेकिन मुस्लिम वोटों को ध्यान में रखकर उसने खुलकर इसका समर्थन भी नहीं किया। हालांकि इसका मतलब यह नहीं है कि कांग्रेस के पास बताने के लिए कुछ नहीं है। कांग्रेस प्रमाण जुटा रही है कि किस तरह पंडित जवाहरलाल नेहरू के कार्यकाल में रामलला को बाबरी ढांचे के अंदर विराजमान कराया गया, तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने मंदिर के ताले खुलवाए, पूजा-अर्चना शुरू कराई और विहिप परिषद को आमंत्रित कर राम मंदिर निर्माण का शिलान्यास कराया। राजीव गांधी का वह वीडियो भी निकाल लिया गया है, जिसमें उन्होंने दूसरे कार्यकाल के लिए लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत फैजावाद से कर देश में राम राज्य लाने का एलान किया था।
0 सुब्रमण्यम स्वामी के वीडियो किए जा रहे वायरल…
– कांग्रेस द्वारा प्रस्तुत तथ्यों के समर्थन में सबसे बड़े हिंदुत्व के पैरोकार, गांधी परिवार विरोधी राज्यसभा सदस्य व मंदिर निर्माण की पैरवी करने वाले प्रसिद्ध अधिवक्ता सुब्रमण्यम स्वामी के कथनों के वीडियो जुटाए गए हैं। कांग्रेस ने इन्हें वायरल करना शुरू कर दिया है। स्वामी इनमें मंदिर निर्माण का श्रेय राजीव गांधी, नरसिंहराव एवं अशोक सिंहल को देते दिखाई दे रहे हैं। वे यह भी कह रहे हैं कि यदि राजीव गांधी की हत्या न होती तो संभवत: उनके दूसरे कार्यकाल में ही मंदिर का निर्माण हो जाता। वे बता रहे हैं कि राजीव गांधी ने देश में राम राज्य लाने की घोषणा की थी लेकिन अचानक उनकी हत्या हो गई। भाजपा के नेता कांग्रेस नेता की हर बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं लेकिन स्वामी के वीडियो पर अब तक कुछ नहीं बोले। उमा भारती के बयान पर भी भाजपा कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रही।
0 सेतु समुद्रम परियोजना की निकाली जानकारी…
– भाजपा द्वारा कांग्रेस की सबसे ज्यादा आलोचना इस बात को लेकर की जाती है कि सेतु समुद्रम परियोजना के तहत उसने राम और राम सेतु के अस्तित्व को ही नकार दिया था। भाजपा नेताओं का आरोप है कि जो पार्टी भगवान राम के अस्तित्व को ही नकार चुकी है, वह राम मंदिर की बात कैसे कर सकती है। इसके जवाब में प्रदेश कांग्रस ने एक वीडिया के जरिए जानकारी सार्वजनिक की है कि सेतु समुद्रम परियोजना की स्वीकृति तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल विहारी वाजपेयी के कार्यकाल में दी गई थी। इसमें यह भी बताया गया है कि अटल जी के कार्यकाल में ही सेतु समुद्रम परियोजना के लिए बजट का प्रावधान किया था। कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अभय दुबे इसके प्रमाण दिखाते नजर आ रहे हैं। स्पष्ट है कि कांग्रेस इस बार हर बिंदु पर भाजपा को जवाब दे रही है और मुस्लिम वोटों की परवाह छोड़ दी है।
0 अकेले मुकाबला कर रहे हैं दिग्विजय…
– कांग्रेस में अकेले दिग्विजय सिंह राम मंदिर निर्माण भूमि पूजन के मुहूर्त को लेकर भाजपा और संघ पर हमला कर रहे हैं। कांग्रेस का कोई नेता उनके साथ खड़ा नजर नहीं आ रहा है। यह सवाल उठाने के लिए भाजपा नेताओं ने उन्हें आसुरी प्रवृत्ति का ठहराना शुरू कर दिया है। हालांकि शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने सबसे पहले मुहूर्त को लेकर सवाल उठाया था। भाजपा नेता उन पर टिप्पणी करने से बच रहे हैं। दिग्विजय का आरोप शंकराचार्य के कथन के आधार पर है। उनका कहना है कि चातुर्मास में कोई संत अपना स्थान नहीं छोड़ता। देवशयनी एकादसी एवं देवउठनी एकादशी के मध्य कोई शुभ कार्य नहीं किया जाता क्योंकि सभी देव सोए हुए होते हैं। पर भाजपा दिग्विजय पर हमलावर है और दिग्विजय भी अपने स्टेंड से पीछे नहीं हट रहे हैं। दिग्विजय के रुख के कारण कांग्रेस के नेता असहज हैं।