इंदौर : मनाली चंद्रकांत पराड़कर ने बाल अवस्था से रंजना ठाकुर से कथक नृत्य की शिक्षा ली जिन्होने इस क्षेत्र में पारंगत किया, कथक की परीक्षा उत्तीर्ण की, इसके साथ कंप्यूटर इंजिनियर की शिक्षा पुर्ण कर ठाणे मुंबई में आईटी कंपनी में नौकरी शुरु की, कुणाल मोहिते से शादी होने के बाद दोनो ठाणे में ही बस गए.
मनाली मोहिते ने अपना आईटी कंपनी का जॉब छोड़ कथक नृत्य में अपना करियर शुरु किया. ठाणे में गुरुवर्य डॉ मंजीरी देव ने कथक में अगली प्रेरणा दिशा दी जिनकी प्रेरणा से सरगम डांस क्लास शुरू किया जिसमे अच्छी संख्या में बालिका शिक्षा प्राप्त करने के लिए आती हैं कई बालिका कथक नृत्य की परीक्षा भी पास कर रही है ठाणे मुंबई में मनाली मोहिते ने कथक नृत्यांगना के रूप में एक मुक्काम हासिल किया है अभी उनका चयन दूरदर्शन कलाकार के लिए भी हुवा