अर्जुन राठौर
इंदौर का सहकारिता विभाग भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा केंद्र बना हुआ है इसका सबसे ताजा उदाहरण यह है कि आज यहां पर सीनियर इंस्पेक्टर प्रमोद तोमर को 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त पुलिस ने रंगेहाथ पकड़ा । इसके पहले भी यहां पर कई अधिकारियों को लोकायुक्त द्वारा रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया है ।
सहकारिता विभाग में गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं के पदाधिकारियों द्वारा अधिकारियों तथा कर्मचारियों के साथ सांठगांठ करके दस्तावेजों में हेराफेरी कराई जाती है समितियां अपने जायज सदस्यों के प्लाट हड़पकर उन्हें मनमाने दामों में दूसरे लोगों को बेच देती है इसी भ्रष्टाचार को दबाने के लिए यहां के कर्मचारियों तथा अधिकारियों का सहारा लिया जाता है ।
इंदौर में गृह निर्माण संस्था में जितने अधिक घोटाले हुए हैं उन सभी घोटालों को दबाने का श्रेय इंदौर के सहकारिता विभाग को ही जाता है सहकारी गृह निर्माण संस्था संस्थाएं सदस्यों की बड़ी वरीयता सूची में हेरा फेरी करती है और इसमें यहां के ऑडिटर तथा इंस्पेक्टर पूरा सहयोग देते हैं और इसके बदले में उन्हें लंबी चौड़ी रिश्वत दी जाती है सहकारिता विभाग के अधिकारियों तथा कर्मचारियों और गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं के पदाधिकारियों के रिश्ते भ्रष्टाचार की बुनियाद पर टिके हुए हैं । इनका एक ही मकसद है संस्थाओं के पुराने सदस्यों की सदस्यता समाप्त करना और उनके प्लाट हड़पना ।