Indore: वामा साहित्य मंच ने अहिल्या लाइब्रेरी में मनाया शिक्षक दिवस

Share on:

इंदौर। बलिहारी गुरु आपनो” शिक्षक नहीं तो हम नहीं “दादू देव दयाल की गुरु दिखाई बाट ताला कूची लाई करि खोले सबै कपाट “ इन्हीं प्रेरक विचारों के साथ वामा साहित्य मंच ने अहिल्या लाइब्रेरी में शिक्षक दिवस मनाया गया। इस कार्यक्रम की अनोखी बात यह रही कि वामा मंच की अधिकांश सदस्य शिक्षिकायें हैं। इनमें क-ख-ग और गिनती सिखाना पढ़ाने वाली शिक्षिकाएँ भी थी तो प्राइमरी,मिडिल, हायर सेकेंडरी शिक्षिकाओं के साथ-साथ व्याख्याता एवं प्रोफ़ेसर भी मौजूद थीं।

कार्यक्रम में अतिथि के रूप में महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज के शिक्षक-प्रोफेसर ,चेस्ट फिजीशियन डॉ सलिल भार्गव उपस्थित थे। इस कार्यक्रम की शुरुआत करूणा प्रजापति ने माँ सरस्वती की वंदना की।डॉ अंजना मिश्र चक्रपाणि ने गुरू पर दोहे सुनाकर सभी गुरुओं का सम्मान किया।

तत्पश्चात अतिथि का परिचय दिया वामा सचिव इंदु पाराशर ने और उनके सम्मान में एक कविता सुनाई। मंच की सबसे उम्रदराज़ संरक्षिका डॉ प्रेमकुमारी नाहटा ने उनका स्वागत किया। वामा अध्यक्षा अमर चड्डा ने स्वागत भाषण देते हुए कहा शिक्षकों के सम्मान में कहा कि शिक्षक एक पुल की तरह कार्य करता है। वास्तविक जीवन की चुनौतियों से लड़ने के लिए तैयार करता है।

Also Read: Indore: जिला कोर्ट में चल रहा स्टांप के नाम पर कालाबाजारी का धंधा, रिश्वत नहीं दी तो स्टांप नहीं मिलेंगे

वामा कार्यकारिणी की प्रमुख सदस्य ज्योति जैन का मत था कि शिक्षक से गुरू बनने की ओर अग्रसर हो ताकि वह बच्चों को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाएँ। इस कार्यक्रम में करीब 45 शिक्षक सदस्याएँ उपस्थित थीं। शारदा मंडलोई और प्रेमकुमारी नाहटा ने अतिथि महोदय का सम्मान किया। उसके बाद सभी शिक्षक सदस्याओं ने क्रमबद्ध तरीके से आकर अपना-अपना सम्मान पत्र गृहण किया। अपने ही परिवार से सम्मान मिलना किसी के लिए भी गर्व की बात है।

अतिथि महोदय ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मैं अभिभूत हूँ यहाँ आकर क्योंकि मुझे गुरुओं का सानिध्य मिला। एक सच्चा शिक्षक होना बहुत ही चुनौतीपूर्ण कार्य है क्योंकि उसे विभिन्न आई क्यू वाले बच्चों को एक साथ पढ़ाना होता है। शिक्षक नहीं तो हम भी नहीं। शिक्षक समाज और राष्ट्र का निर्माण करने का दायित्व निभाता है। इस कार्यक्रम का संचालन किया स्नेहलता श्रीवास्तव ने और सभी का आभार माना प्रतिभा जैन ने किया।