कलेक्टर के प्रयासों से लाडली लक्ष्मी योजना में इंदौर अव्वल

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इंदौर : मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के नेतृत्व में राज्य सरकार ने महिलाओं एवं बच्चों के विकास के लिए दृढ़ संकल्पित है. कलेक्टर मनीष सिंह के मार्गदर्शन में इंदौर जिले के महिलाओं एवं बच्चों के कल्याण के लिए महिला एवं बाल विकास, विभाग द्वारा कई योजनाओं के क्रियान्वयन की प्रभावी कार्रवाई की जा रही है तथा बालिका उत्थान पर विशेष बल दिया जा रहा है.

महिला एवं बाल विकास द्वारा इंदौर जिले में 23 मार्च 2020 से वर्तमान तक प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना के तहत 32 हजार 257 प्रकरण बनाकर संख्यातमक रूप में प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त किया. लाडली लक्ष्मी योजना में जिले की कुल 14 हजार 500 बालिकाओं को लाभांवित किया गया.

विभाग द्वारा चिकित्सकीय जटिलता वाले बच्चों को चिन्हित कर उन्हें पोषण पुनर्वास केन्द्रों पर उपचार प्रदान किया गया. बच्चों के पोषण स्तर में सुधार के लिये कुपोषित बच्चों के लिये समुदाय आधारित प्रबंधन कार्यक्रम का प्रभावी क्रियान्वयन किया गया. शासकीय भवनों में उपलब्धता अनुसार 250 से अधिक पोषण वाटिकाओं का निर्माण किया गया.

जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ. सी.एल. पासी ने बताया है कि इंदौर में महिला सुरक्षा पर केन्द्रित सेफ-सिटी कार्यक्रम चलाया जा रहा है. सेफ सिटी कार्यक्रम अंतर्गत जिले में शोषण मुक्त वातावरण का निर्माण किया गया. महिला एवं बालिकाओं से छेड़-छाड़ वाले हॉट स्पॉट का चयन कर महिला एवं बाल विकास तथा पुलिस विभाग द्वारा समन्वय स्थापित कर छेड़-छाड़ करने वाले असामाजिक व्यक्तियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की गई.

महिलाओं एवं किशोरी बालिकाओं की व्यक्तिगत स्वच्छता के लिये आंगनवाड़ी केन्द्रों पर न्यूनतम दर में सेनेटरी पेड की उपलब्धता सुनिश्चित की गई. वित्तीय वर्ष 2020-21 में सांवेर विधानसभा में प्रति भवन 9 लाख रूपये की लागत से 33 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान की गई.

पिछले एक साल के कार्यकाल में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जिले के विकास में पुरुषों के समान भागीदारी निभा रहीं सशक्त महिलाओं को केन्द्र एवं राज्य शासन द्वारा संचालित किये जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से विकास की मुख्यधारा में जोड़ा गया. महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक कर तथा उनके संपूर्ण विकास हेतु उन्हें संस्थागत एवं कानूनी समर्थन प्रदान किया गया एवं आर्थिक सशक्तीकरण को बढावा दिया गया.